Share Market Crash Today: टैरिफ वॉर का तगड़ा झटका! शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के डूबे करोड़ों

Share Market Crash Today: टैरिफ वॉर का तगड़ा झटका! शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के डूबे करोड़ों
अंतिम अपडेट: 11-02-2025

शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स-निफ्टी 1% से अधिक फिसले। ट्रंप के टैरिफ वॉर से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी, विशेषज्ञ अन्य देशों के टैरिफ बढ़ाने की आशंका जता रहे हैं।

Share Market Crash Today: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मच गई है। इस फैसले के चलते भारतीय शेयर बाजार पर भी गहरा असर पड़ा। मंगलवार को घरेलू बेंचमार्क सूचकांक में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों क्रैश हो गए। दोपहर 2 बजे तक सेंसेक्स 1.33% गिरकर 76,284.36 पर था, जबकि निफ्टी 1.38% की गिरावट के साथ 23,059.25 अंकों पर पहुंच गया।

भारतीय इस्पात संघ (ISA) की चिंता

भारतीय इस्पात संघ (ISA) ने अमेरिका द्वारा स्टील आयात पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले पर गहरी चिंता जताई है। संघ ने भारत सरकार से अपील की है कि वह लंबे समय से लागू एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग शुल्कों को हटाने के लिए हस्तक्षेप करे। इस फैसले से अमेरिका को भारतीय स्टील निर्यात में 85% की गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।

भारतीय बाजार पर संभावित असर

विशेषज्ञों के अनुसार, नए टैरिफ के चलते वैश्विक बाजार में स्टील सरप्लस हो सकता है, जिससे भारतीय बाजार में कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। इस फैसले के बाद आयशर मोटर्स और अपोलो हॉस्पिटल्स जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। निफ्टी पर निफ्टी रियल्टी और निफ्टी ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इसके अलावा, निफ्टी मीडिया और निफ्टी फार्मा इंडेक्स में भी गिरावट दर्ज की गई।

तकनीकी विश्लेषण: मंदी के संकेत

तकनीकी चार्ट पर नजर डालें तो निफ्टी ने एक मंदी की कैंडलस्टिक बनाई है, जो बाजार में नकारात्मक सेंटिमेंट को दर्शाती है। इंडेक्स 23,460 के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रतिरोध का सामना कर रहा है। यदि यह स्तर पार नहीं होता है, तो बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, यदि निफ्टी 23,460 के ऊपर निकलता है, तो यह 23,550 और 23,700 के स्तर तक जा सकता है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर दबाव

विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली भी भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह बनी हुई है। 10 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2,463 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 1,515 करोड़ रुपये की खरीदारी की।

विशेषज्ञों की सलाह: सतर्कता बरतें

चॉइस ब्रोकिंग के वरिष्ठ विश्लेषक आकाश शाह के अनुसार, "बाजार की दिशा पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली का बड़ा प्रभाव पड़ेगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे नई पोजिशन लेने से पहले बाजार में वैल्यूएशन करेक्शन का इंतजार करें।"

Leave a comment