क्या NASA छोड़ रहा है चंद्रमा मिशन, अब मंगल पर सीधा फोकस?

क्या NASA छोड़ रहा है चंद्रमा मिशन, अब मंगल पर सीधा फोकस?
अंतिम अपडेट: 11 घंटा पहले

क्या अमेरिका अब चंद्रमा की दौड़ से हटकर सीधे मंगल मिशन पर ध्यान केंद्रित करेगा? नासा (NASA) के आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission) को लेकर हाल ही में आए बदलावों के बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर इंसानों की मौजूदगी स्थापित करना और भविष्य में वहां से मंगल के लिए अभियान को आसान बनाना था। लेकिन ताजा घटनाक्रमों ने इसके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

NASA अधिकारी की रिटायरमेंट से उठे सवाल

20 फरवरी को नासा के वरिष्ठ अधिकारी जिम फ्री की अचानक रिटायरमेंट ने आर्टेमिस मिशन को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं। जिम फ्री, जो नासा में करीब 30 वर्षों तक सेवाएं दे चुके हैं, इस मिशन के प्रमुख समर्थकों में से एक थे। उनकी विदाई के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका अब चंद्रमा मिशन से अपने कदम पीछे खींच सकता है। हालांकि, नासा ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

आर्टेमिस मिशन: क्या खत्म हो जाएगी चंद्र दौड़?

• आर्टेमिस मिशन का नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं की चंद्र देवी 'आर्टेमिस' के नाम पर रखा गया था। इस मिशन के तहत—
• आर्टेमिस-3 के जरिए पहली बार एक महिला और एक पुरुष चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे।
• चंद्रमा पर पानी के बर्फीले भंडार और 3डी-प्रिंटेड आवास की संभावनाएं तलाशी जा रही थीं।
• चंद्रमा पर स्थायी मानव कॉलोनी स्थापित कर इसे मंगल अभियान के लिए एक लॉन्चिंग बेस के रूप में तैयार करना था।
• लेकिन अब मिशन में बजट कटौती और प्राथमिकताओं में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

बोइंग में छंटनी के संकेत, मिशन पर संकट?

नासा के प्रमुख सहयोगी बोइंग (Boeing) ने हाल ही में घोषणा की कि स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट प्रोग्राम में 400 नौकरियां कम की जा सकती हैं। इससे स्पष्ट होता है कि आर्टेमिस मिशन के बजट में कटौती की जा रही है। यह छंटनी इस बात का संकेत है कि अमेरिका अब चंद्रमा मिशन को कम प्राथमिकता देने की दिशा में बढ़ रहा है। न्य देशों के चंद्रमा मिशन: भारत, चीन और रूस आगे अमेरिका के संभावित बैकफुट पर जाने से अन्य देश चंद्रमा मिशन में आगे निकल सकते हैं।

भारत का चंद्रयान कार्यक्रम

• चंद्रयान-1 (2008): चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि।
• चंद्रयान-2 (2019): लैंडर-रोवर मिशन, लैंडर असफल लेकिन ऑर्बिटर अभी भी डेटा भेज रहा है।
• चंद्रयान-3 (2023): सफल लैंडिंग, भारत दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला देश बना।

चीन का चांग ई कार्यक्रम

• चांग ई-4 (2019): चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला पहला मिशन।
• चांग ई-5 (2020): चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने वाला मिशन।
• चांग ई-6 (2024): दक्षिणी ध्रुव से नमूने जुटाने की योजना।

रूस का लूना कार्यक्रम

• लूना-25 (2023): दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का असफल प्रयास।
• लूना-27 (आगामी): चंद्रमा पर खोज और खनन कार्यों के लिए प्रस्तावित मिशन।

क्यों हो रही है चंद्रमा की दौड़?

खनिज और जल संसाधन: चंद्रमा पर मौजूद पानी के स्रोत और खनिज संसाधन भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद जरूरी हैं।
ईंधन निर्माण: चंद्रमा पर पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित कर इसे रॉकेट ईंधन में बदला जा सकता है, जिससे मंगल और अन्य ग्रहों तक पहुंच आसान होगी। अंतरिक्ष संसाधनों पर नियंत्रण: जो देश पहले चंद्रमा पर स्थायी कॉलोनी बना लेगा, वह आने वाले दशकों में अंतरिक्ष क्षेत्र में सबसे आगे होगा।

क्या अमेरिका अब मंगल की ओर बढ़ेगा?

नासा ने अब तक आर्टेमिस मिशन को बंद करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन जिम फ्री की रिटायरमेंट, बोइंग में छंटनी और मंगल मिशन को लेकर ट्रंप प्रशासन की संभावित प्राथमिकताएं यह संकेत दे रही हैं कि अमेरिका अब चंद्रमा के बजाय मंगल मिशन को अधिक तवज्जो दे सकता है।
अब देखना यह होगा कि यह रणनीति अमेरिका को अंतरिक्ष की दौड़ में आगे रखेगी या भारत, चीन और रूस इस अवसर का फायदा उठाकर खुद को इस प्रतिस्पर्धा में और मजबूत कर लेंगे।

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