ICICI सिक्योरिटीज ने सिटी यूनियन बैंक को ‘BUY’ रेटिंग दी, ₹200 टारगेट प्राइस तय किया। बैंक की ग्रोथ मजबूत, 35% अपसाइड संभावना। बाजार गिरावट के बावजूद यह स्टॉक निवेश के लिए आकर्षक।
Stock to buy: घरेलू शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से गिरावट देखने को मिल रही है। 26 सितंबर 2024 को निफ्टी 50 और सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थे, लेकिन तब से अब तक बाजार करेक्शन मोड में चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों, विदेशी निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली और वैश्विक स्तर पर कमजोर संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है।
निफ्टी 50 इंडेक्स 26,277 के अपने रिकॉर्ड हाई से गिरकर अब 22,000 के करीब पहुंच गया है, यानी इसमें 16% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, बीएसई सेंसेक्स भी 85,978 के अपने उच्चतम स्तर से 12,893 अंक या लगभग 16% नीचे आ चुका है। बाजार के इस कमजोर माहौल को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म्स निवेशकों को फंडामेंटली मजबूत और अच्छे वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स में निवेश करने की सलाह दे रही हैं।
ICICI सिक्योरिटीज ने सिटी यूनियन बैंक को ‘BUY’ रेटिंग
देश की प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्योरिटीज ने सिटी यूनियन बैंक (City Union Bank) के स्टॉक पर अपनी रेटिंग अपग्रेड करते हुए इसे ‘BUY’ की सिफारिश दी है। ब्रोकरेज का मानना है कि बैंक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में सुधार हुआ है, जिससे आने वाले समय में इसका प्रदर्शन बेहतर रहेगा।
स्टॉक का टारगेट प्राइस: ₹200
रेटिंग: BUY
अपसाइड पोटेंशियल: 35%
ICICI सिक्योरिटीज ने सिटी यूनियन बैंक के शेयर पर 200 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है, जिससे निवेशकों को 35% तक का संभावित रिटर्न मिल सकता है। सोमवार को बीएसई पर यह स्टॉक 149.35 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
स्टॉक की पिछली परफॉर्मेंस कैसी रही?
सिटी यूनियन बैंक का स्टॉक अपने उच्चतम स्तर से 20% नीचे ट्रेड कर रहा है। बीते एक महीने में इसमें 16.62% की गिरावट आई है, जबकि पिछले तीन महीनों में यह 20.18% कमजोर हुआ है। हालांकि, एक साल के हिसाब से देखें तो स्टॉक ने 5.62% का रिटर्न दिया है।
52-वीक हाई: ₹187
52-वीक लो: ₹125.35
मार्केट कैप: ₹10,929 करोड़
ब्रोकरेज ने क्यों दी ‘BUY’ की सलाह?
ICICI सिक्योरिटीज के अनुसार, 2024-25 की दिसंबर तिमाही में बैंक का प्रदर्शन बेहतर रहा है। हालांकि, पिछले एक महीने में स्टॉक में 17% की गिरावट आई है, जो बाजार के तकनीकी फैक्टर्स और कुछ विकल्पों के समाप्त होने की वजह से हुआ है।
ब्रोकरेज का मानना है कि-
रेपो रेट कटौती का प्रभाव: आरबीआई की रेपो रेट में कटौती के कारण नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव था, लेकिन बैंक ने अपनी सेविंग्स रेट घटाकर इसे मैनेज कर लिया है।
फौजदारी ड्राफ्ट सर्कुलर: बैंक के प्रोफाइल पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गोल्ड लोन नीति: आरबीआई के नए गोल्ड लोन सर्कुलर से बैंक के गोल्ड लोन बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नई नियुक्तियां: बैंक के अगले एमडी और सीईओ की नियुक्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी, जिससे लीडरशिप ट्रांजिशन भी सुचारू रहेगा।
बेहतर ग्रोथ आउटलुक: सिटी यूनियन बैंक का मौजूदा वैल्यूएशन पिछले तीन वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है, लेकिन आगे इसका ग्रोथ आउटलुक तुलनात्मक रूप से मजबूत बना हुआ है।