Gold: गोल्ड का शानदार प्रदर्शन, संवत 2080 में निवेशकों को 32 प्रतिशत का लाभ, जानें पूरी जानकारी

Gold: गोल्ड का शानदार प्रदर्शन, संवत 2080 में निवेशकों को 32 प्रतिशत का लाभ, जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 03 नवंबर 2024

गोल्ड रिटर्न संवत 2080 में निवेशकों की संपत्ति 128 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ चुकी है और सोने ने 32 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस दौरान चांदी ने निवेशकों को 39 फीसदी की कमाई कराई है।

गोल्ड रिटर्न: संवत 2080 भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद शानदार रहा, जिसमें निवेशकों की संपत्ति 128 लाख करोड़ रुपये (1.5 ट्रिलियन डॉलर) बढ़कर 453 लाख करोड़ रुपये हो गई। इस अवधि में सोने और चांदी की कीमतों में भी उल्लेखनीय उछाल देखा गया है।

सोने ने लगभग 32 फीसदी और चांदी ने करीब 39 फीसदी का रिटर्न दिया है। संपत्ति में बढ़ोतरी के लिहाज से संवत 2080 अब तक का सबसे अच्छा साल साबित हुआ है, जिसका मुख्य कारण घरेलू निवेशकों द्वारा 4.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश है।

क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, संवत 2080 में निफ्टी ने 25 प्रतिशत और निफ्टी 500 ने 30 प्रतिशत का रिटर्न प्रदान किया है। हालांकि, अक्टूबर में शेयर बाजार में 6.2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है, जो कि पिछले 54 महीनों में पहली बार 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। इस स्थिति ने बाजार में बढ़ती चिंताओं को जन्म दिया है।

एनएसई पर निवेशकों की संख्या बढ़कर 20 करोड़

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर अब निवेशकों की संख्या 20 करोड़ तक पहुंच गई है। संवत 2080 में कुल 336 कंपनियां लिस्टेड हुईं, जिनमें से 248 कंपनियां SME सेगमेंट से संबंधित थीं। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 100 कंपनियों के आईपीओ 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ लिस्ट किए गए हैं, जबकि 163 से अधिक आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं।

म्यूचुअल फंड सेक्टर की कुल संपत्ति लगभग 68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गई है, जिसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत निवेश लगभग 25,000 करोड़ रुपये रहा।

शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी

शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या को लेकर लगातार सकारात्मक आंकड़े सामने आ रहे हैं। इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में शेयर बाजार में निवेशकों की भागीदारी और भी अधिक बढ़ सकती है।

म्यूचुअल फंड में एसआईपी के माध्यम से पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए यह समय अनुकूल माना जा रहा है, और देश में डीमैट अकाउंटधारकों की लगातार बढ़ती संख्या इस बात का ठोस प्रमाण है।

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