सोने की कीमत ₹1 लाख तक पहुंची है, जिससे निवेशकों में दुविधा है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि निवेशकों को अपनी एसेट एलोकेशन के हिसाब से सोने में निवेश करना चाहिए।
Gold Price: सोने की कीमतों में हालिया उछाल ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अब सोना खरीदने का सही समय है या मुनाफा बुक कर लिया जाए। हाल ही में सोने ने ₹1 लाख के स्तर को छुआ है, जिससे बाजार में हड़कंप मच गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने के दाम भविष्य में किस दिशा में जाएंगे, यह अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन निवेशकों को अपनी एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए।
सोने की कीमतों में तेजी के कारण
1. नीतिगत अनिश्चितता:
सोने की हालिया तेजी का सबसे बड़ा कारण वैश्विक नीतिगत अनिश्चितता है। अमेरिका की नीति और डॉलर की कमजोरी ने सोने की कीमतों को सपोर्ट किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस अनिश्चितता के कारण निवेशक अब सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मान रहे हैं।
2. निवेश की बढ़ती मांग:
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के विक्रम धवन का कहना है कि 2025 में सोने का प्रदर्शन अच्छा रहेगा, क्योंकि निवेशक अब एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेश बढ़ा रहे हैं। साथ ही, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी भी कीमतों को बढ़ावा दे रही है।
3. ग्लोबल मांग:
रूस, चीन और भारत जैसे देशों ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ाया है, जो सोने की कीमतों को सपोर्ट कर रहा है। चीन और भारत की ज्वेलरी की मांग भी ग्लोबल फिजिकल गोल्ड डिमांड का बड़ा हिस्सा है।
सोने की कीमतों के लिए नकारात्मक कारक
हालांकि, कुछ कारणों से सोने की कीमतों में गिरावट भी हो सकती है। अगर ट्रेड वार्स का समाधान हो जाता है या डॉलर मजबूत हो जाता है, तो सोने की तेजी पर ब्रेक लग सकता है।
निवेशक क्या करें?
सोने में निवेश करने से पहले आपको अपनी एसेट एलोकेशन रणनीति का ध्यान रखना चाहिए। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोने में 10-15% का निवेश आदर्श होता है। यदि आपके पास पहले से सोने में कम निवेश है, तो आपको आगे बढ़कर निवेश करना चाहिए। वहीं, अगर कीमतों में तेजी के कारण आपका निवेश बढ़ गया है, तो मुनाफा बुक कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस कर सकते हैं।
गोल्ड ETF और फंड्स में निवेश
जब से सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की नई किस्तें जारी करना बंद किया है, अब निवेशक गोल्ड ETFs या गोल्ड फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं। गोल्ड ETFs में निवेश करने से आपको स्टोरेज की चिंता नहीं होती और आप इसे आसानी से एक्सचेंज पर खरीद-बेच सकते हैं। इसके अलावा, यह ज्वेलरी की तरह मेकिंग चार्ज से भी बचाता है।
गोल्ड ETF में निवेश के लाभ
प्योरिटी का कोई रिस्क नहीं: गोल्ड ETF में केवल 995-प्योरिटी वाला सोना ही निवेश के लिए लिया जाता है, जिससे गुणवत्ता का कोई सवाल नहीं होता।
स्टोरेज की समस्या नहीं: गोल्ड ETF में निवेश करने से आपको सोने की स्टोरिंग की चिंता नहीं करनी पड़ती।
कम खर्च: गोल्ड ETF में निवेश पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता, जैसे कि ज्वेलरी में मेकिंग चार्ज।
क्या गोल्ड ETF सही निवेश है?
गोल्ड ETF का चयन करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:
- कम खर्च अनुपात (Expense Ratio)
- कम ट्रैकिंग एरर
- अच्छी लिक्विडिटी
- बड़ा फंड आकार
निवेश से जुड़ा फैसला हमेशा आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता पर आधारित होना चाहिए। यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड ETF एक अच्छा विकल्प हो सकता है।