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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, सावरकर पर विवादित टिप्पणी को लेकर दी सख्त चेतावनी

राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, सावरकर पर विवादित टिप्पणी को लेकर दी सख्त चेतावनी
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है।  अदालत ने स्पष्ट किया है कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में ऐसे बयान देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने राहुल गांधी से कहा कि उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए और यदि भविष्य में ऐसे बयान दिए गए तो अदालत इस पर संज्ञान लेगी। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण बन चुका है, क्योंकि यह बयान न केवल राहुल गांधी के लिए बल्कि अन्य नेताओं के लिए भी एक चेतावनी बन सकता है।

क्या था राहुल गांधी का बयान?

राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर पर एक विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने सावरकर को अंग्रेजों का नौकर और पेंशन लेने वाला बताया था। राहुल गांधी का यह बयान भारतीय राजनीति और इतिहास के संदर्भ में अत्यधिक संवेदनशील माना गया, क्योंकि वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उनके योगदान को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी का यह बयान आलोचनाओं के साथ-साथ कानूनी विवादों का कारण बना।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान पर सख्त नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति ने राहुल गांधी से कहा, आप एक जिम्मेदार राजनेता हैं, आपको इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इस प्रकार के बयान दिए गए, तो वह इस मामले पर गंभीरता से विचार करेगा और संज्ञान ले सकता है।

हाईकोर्ट से समन रद्द करने की अपील

इस विवाद में राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। उन्होंने उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें समन जारी किया था। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समन को रद्द करने से इंकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए राहुल गांधी को अतिरिक्त चेतावनी दी, कि भविष्य में यदि ऐसे बयान दिए गए तो अदालत और भी सख्त कदम उठा सकती है।

राहुल गांधी पर कोर्ट की कार्रवाई

लखनऊ में एक वकील नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दायर किया था। अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए और उन्हें पेशी पर बुलाया। इससे पहले, लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी पर 200 रुपये का जुर्माना भी लगाया था, क्योंकि वे लगातार अदालत में पेश होने में विफल रहे थे। अदालत ने उन्हें अगले सुनवाई में हाजिर होने की चेतावनी दी थी और इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित सुनवाई की बात कही थी।

सावरकर को लेकर राजनीतिक और कानूनी विवाद

राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक रूप से भी अत्यधिक संवेदनशील था। वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे, जिनके योगदान को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद रहे हैं। कुछ दलों ने उन्हें एक नायक के रूप में सम्मानित किया है, जबकि अन्य ने उनके कुछ कार्यों पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी के बयान ने इस पुरानी बहस को एक बार फिर जीवित कर दिया है, जिससे यह मुद्दा और भी विवादास्पद हो गया।

राहुल गांधी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया है। कांग्रेस ने कहा है कि वे अदालत में अपना पक्ष रखेंगी और कानून का पालन करेंगी। पार्टी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का उद्देश्य सावरकर के योगदान को लेकर कोई नकारात्मक टिप्पणी करना नहीं था, बल्कि उनका बयान विशिष्ट संदर्भ में दिया गया था। हालांकि, अदालत की कड़ी चेतावनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के बयान अब अधिक नहीं चलने वाले।

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