Byju's की शून्य नेटवर्थ: इसका क्या मतलब है और क्या कंपनी के पास कुछ नहीं बचा? जानें पूरी जानकारी

Byju's की शून्य नेटवर्थ: इसका क्या मतलब है और क्या कंपनी के पास कुछ नहीं बचा? जानें पूरी जानकारी
Last Updated: 19 अक्टूबर 2024

क्या आप जानते हैं कि किसी कंपनी की वैल्यूवेशन शून्य होने पर इसका क्या मतलब होता है? क्या कंपनी फिर से उबर सकती है, और क्या इसका मतलब है कि कंपनी के पास ऑफिस, पैसे या अन्य संपत्ति नहीं बची?

नई दिल्ली: एडटेक कंपनी बायजू की वैल्यूवेशन अब '0' हो चुकी है। कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निवेशकों के जाने के बाद कंपनी के पास पैसे समाप्त हो गए हैं, और धीरे-धीरे कंपनी संकट में आ गई है। हालांकि, रवींद्रन ने आश्वासन दिया कि कंपनी जल्द ही वापसी करेगी, जबकि वह फिलहाल दिवालियापन संकट का सामना कर रही है।

क्‍या होगा जब किसी कंपनी की वैल्‍यू '0' हो जाए?

किसी कंपनी की वैल्‍यूवेशन उस प्रक्रिया को दर्शाती है जिसके माध्यम से किसी कंपनी के सही मार्केट वैल्‍यू या आंतरिक वैल्‍यू का अनुमान लगाया जाता है। मार्केट वैल्‍यू वह राशि है, जिस पर कंपनी के शेयर वर्तमान बाजार में खरीदे या बेचे जा सकते हैं, जबकि आंतरिक वैल्‍यू उस शेयर का वास्तविक मूल्य होता है, जो उसके कथित वास्तविक मूल्य पर आधारित होता है।

क्यों किसी कंपनी की वैल्यूएशन '0' हो सकती है?

किसी कंपनी की वैल्यूएशन '0' तब मानी जा सकती है जब उसके पास ओपन-एंडेड फंड देने की जिम्मेदारी होती है, जिससे उसे संभावित खरीदार खोजने में कठिनाई होती है। एक कंपनी की वैल्यू शून्य भी हो सकती है यदि उसकी आय स्थिर नहीं है या उसे निवेश मिला है, लेकिन उसके शेयरों के लिए कोई खरीदार नहीं है।

कैसे निर्धारित होती है किसी कंपनी की वैल्यू?

किसी सार्वजनिक कंपनी की वैल्यू निकालने का सबसे सामान्य तरीका मार्केट कैपिटलाइजेशन होता है। मार्केट कैपिटलाइजेशन निकालने का फ़ॉर्मूला यह है: वैल्यूवेशन = शेयर प्राइस × शेयरों की कुल संख्या। हालांकि, शेयर की कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है।

वहीं, किसी स्टार्टअप की कंपनी की वैल्यू जानने के लिए हाल ही में बेची गई अन्य समान कंपनियों का अध्ययन किया जाता है और फिर तुलनीय लेनदेन के आधार पर वैल्यूवेशन किया जाता है। दूसरी ओर, बिना स्टार्टअप वाली कंपनियों की वैल्यूवेशन कारोबारी पूंजी के आधार पर निर्धारित की जाती है।

22 अरब डॉलर से 0 हुई कंपनी की वैल्यू

रवींद्रन ने कहा कि प्रोसस जैसे निवेशकों ने एक समय में भारतीय स्टार्टअप में अपने निवेश के सबसे ऊँचे मूल्यांकन को खत्म कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों ने बायजू को बस एक खाई में धकेल दिया।

यदि वे इस्तीफा देने की बजाय बदलाव या पुनर्गठन के लिए वोट देने की योजना बनाते, तो कंपनी की स्थिति आज इतनी खराब नहीं होती। एडटेक कंपनी बायजू की वैल्यू साल 2022 तक 22 अरब डॉलर थी, जो अब पूरी तरह से शून्य हो चुकी है।

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