एसएंडपी ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अपना अनुमान घटा दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अब भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है, जो पहले 6.9 फीसदी थी। वहीं, 2026-27 के लिए इसने 6.8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान रखा है, जबकि पहले इसका अनुमान 7 फीसदी था। इसके साथ ही, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान बरकरार रखा गया है।
नई दिल्ली: अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है। एजेंसी का कहना है कि उच्च ब्याज दर और सरकारी खर्चों में कटौती के कारण शहरी मांग कमजोर हो रही है, जिससे आर्थिक वृद्धि में गिरावट आई है। एसएंडपी ने एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमान को अपडेट करते हुए यह बदलाव किया है।
एसएंडपी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 6.9 फीसदी थी। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026-27 के लिए 6.8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया गया है, जबकि पहले 7 फीसदी की वृद्धि का पूर्वानुमान था। इस बीच, वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भी 6.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान बरकरार रखा गया है।
भारत की रफ्तार सुस्त क्यों पड़ेगी?
भारत की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का कारण उसकी खपत आधारित संरचना और महंगाई नियंत्रण की खातिर बढ़ी ब्याज दरों को बताया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई को काबू में रखने के लिए ब्याज दरों को उच्च स्तर पर बनाए रखा है, जिससे लोगों को सस्ते कर्ज की कमी हो रही है और खपत में भी वृद्धि नहीं हो पा रही। इसके साथ ही, सरकार भी राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से आवश्यक खर्चों में कटौती कर रही है, जिसका नकारात्मक प्रभाव खपत पर पड़ा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती का अनुरोध किया है, लेकिन आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि केंद्रीय बैंक का प्राथमिक फोकस महंगाई को काबू में रखना है। ऐसे में, दिसंबर में होने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में ब्याज दर में कोई खास बदलाव की संभावना कम है।
चीन की आर्थिक वृद्धि में धीमी रफ्तार
अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने चीन की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है। एजेंसी ने 2024 के लिए 4.8 प्रतिशत का अनुमान बरकरार रखा है, लेकिन 2025 और 2026 के लिए ग्रोथ की दर में गिरावट का अनुमान जताया है। एसएंडपी ने 2025 के लिए पहले के 4.3 प्रतिशत के अनुमान को घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 के लिए 4.5 प्रतिशत से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया है।
एसएंडपी के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता और व्यापारिक बदलावों का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत से अमेरिकी टैरिफ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिसका नकारात्मक प्रभाव चीन के निर्यात पर पड़ेगा। हालांकि, चीन द्वारा अपनाए गए वित्तीय प्रोत्साहन से कुछ सुधार हो सकता है, लेकिन अमेरिकी व्यापार शुल्क इसके निर्यात को नुकसान पहुंचा सकते हैं।