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भारत-कनाडा ने व्यापार, तकनीक और दुर्लभ खनिज में सहयोग बढ़ाने का किया ऐलान

भारत-कनाडा ने व्यापार, तकनीक और दुर्लभ खनिज में सहयोग बढ़ाने का किया ऐलान

भारत और कनाडा ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, दुर्लभ खनिज और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की महत्त्वाकांक्षी कार्ययोजना तैयार की है। दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के बाद कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भारत दौरा कर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से विस्तार से चर्चा की।

India and Canada Trade: भारत और कनाडा ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, दुर्लभ खनिज और असैन्य परमाणु जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्त्वाकांक्षी कार्ययोजना तैयार की है। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद सोमवार को भारत आईं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक में विस्तार से चर्चा की। बैठक में दोनों देशों ने आपसी भरोसे और सम्मान पर आधारित आर्थिक, तकनीकी और ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी से हुई मुलाकात

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आपसी सहयोग को बेहतर बनाने पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में हुई कनाडा यात्रा और वहां हुई चर्चाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, कृषि और लोगों के संबंधों को मजबूत करने के लिए कई सहयोगी पहलें की गई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी के साथ भविष्य में होने वाली मुलाकातों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग और निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत और कनाडा ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, दुर्लभ खनिज और असैन्य परमाणु जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्त्वाकांक्षी कार्ययोजना तैयार की है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक तंत्रों को पुनर्स्थापित और पुनर्जीवित करने पर काम चल रहा है।

अनीता आनंद की टिप्पणी

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी तंत्रों को पुनर्जीवित कर रहे हैं।’

अनीता आनंद ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हाल की बैठक ने दोनों देशों के रिश्तों में नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक है और दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने का प्रयास जारी रहेगा।

पिछले विवाद और रिश्तों में सुधार

वर्ष 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्त होने के आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इस विवाद के कारण अप्रैल 2025 तक रिश्तों में ठंडापन बना रहा। अप्रैल में कनाडा में संसदीय चुनाव हुए और लिबरल पार्टी की जीत के साथ मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने। इसके बाद भारत और कनाडा के संबंध धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगे।

बीते जून में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री कार्नी के बीच हुई बातचीत ने संबंधों में नई जीवंतता और भरोसे की भावना पैदा की। इसके बाद दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई उपायों को शुरू किया।

निवेश और व्यापार सहयोग

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि दोनों देशों ने ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत निवेश और व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। गोयल ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात के बाद कहा, ‘हमारी चर्चा ऊर्जा, तकनीक और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग पर केंद्रित रही। भरोसे और सम्मान पर आधारित पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार और निवेश संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए भारत तत्पर है।’

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