धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इस कारण, इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर, बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती (Vrindavan Banke Bihari Mangla Aarti 2024) का आयोजन किया जाता है। आइए, हम मंगला आरती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानते हैं।
Vrindavan: सनातन धर्म में जन्माष्टमी का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लड्डू गोपाल का विधिपूर्वक अभिषेक किया जाता है और उन्हें प्रिय भोग अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस प्रकार के आयोजन से साधक के जीवन में खुशियों का संचार होता है। इस अवसर पर मथुरा और वृंदावन सहित सभी कृष्ण मंदिरों (Krishna Temples) में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के लिए विशेष तैयारी की जाती है।
क्या आप जानते हैं कि बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती (Banke Bihari Aarti 2024) का आयोजन क्यों किया जाता है ? यदि आप नहीं जानते, तो आइए इस रहस्य को समझते हैं।
28 अगस्त को मंगला आरती
देशभर में जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार अगले दिन, 27 अगस्त को मनाया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती 28 अगस्त की रात 1 बजकर 45 मिनट पर आयोजित की जाएगी।
वृंदावन में मंगला आरती का आयोजन
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन मौके पर मंगला आरती का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। इस उत्सव में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ठाकुर बांके बिहारी शयन आरती के बाद निधिवन में गोपियों के साथ रास रचाने के लिए जाते हैं। इसके बाद ठाकुर जी मंदिर पहुंचते हैं। रास रचाने के कारण वह थक जाते हैं, इसलिए उन्हें जल्दी नहीं उठाया जाता। वहीं, अन्य मंदिरों में सूर्य उगने से पहले ही मंगला आरती का आयोजन किया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन रास नहीं रचाते ठाकुर जी
मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन ठाकुर जी गोपियों के साथ रास नहीं रचाते हैं। इस दिन कान्हा जी का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर लड्डू गोपाल का विधिपूर्वक महाभिषेक किया जाता है और भोग अर्पित किए जाते हैं। इसी कारण, बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में केवल एक बार, यानी जन्माष्टमी पर ही मंगला आरती का आयोजन किया जाता है।