Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी पर करें तुलसी की पूजा, विधि-विधान से पूजा करने पर कारोबार में मिलेगी सफलता, जानिए क्या करें उपाय?
हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत का आयोजन किया जाता है। पंचांग के अनुसार सावन मास में पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत का पालन करने से साधक को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि बनी रहती हैं।
धार्मिक न्यूज़ सनातन धर्म में कई पौधे और पेड़ पूजनीय माने जाते हैं, जिनका विशेष महत्व है। जिनमे तुलसी का पौधा अत्यंत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास होता है। तुलसी के पौधे को घर में लगाने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। यदि आप जीवन में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो पुत्रदा एकादशी के दिन ज्योतिष शास्त्र में वर्णित तुलसी के उपाय अवश्य करें। इन उपायों से साधकों को करियर और व्यापार में सफलता प्राप्त होगी।
कब किया जाएगा पुत्रदा एकादशी 2024 का व्रत
सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो रही है और यह तिथि 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक जारी रहेगी। इसलिए सावन माह में पुत्रदा एकादशी का व्रत शुक्रवार 16 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन पुत्र प्राप्ति के लिए महिलाएं पुरे नियम से व्रत करती हैं।
पुत्रदा एकादशी पर तुलसी के उपाय
* यदि आप भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी के दिन स्नान-ध्यान के बाद उनकी पूजा करना बहुत फायदेमंद है। इस दिन कच्चे दूध में केसर और तुलसी के पत्ते मिलाकर विधिपूर्वक श्रीहरि का अभिषेक करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और उनकी कृपा से साधक के सभी बिगड़े काम सफल होते हैं। इसके साथ ही, आर्थिक तंगी भी दूर होती हैं।
* दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए पुत्रदा एकादशी पर तुलसी माता को लाल चुनरी अर्पित करना न भूलें और जीवन में सुख-शांति की कामना करें। यह माना जाता है कि इस उपाय को सच्चे मन से करने से साधक को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और दांपत्य जीवन में प्रेम और Harmony (सद्भाव) बना रहता हैं।
* यदि आप करियर और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु को अखंडित चावल से बनी खीर का भोग लगाएं और उसमें तुलसी के पत्ते शामिल करें। इस उपाय को करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती हैं।
तुलसी मंत्र का करें जाप* महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
* तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।: