गरुड़ पुराण के अनुसार, सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) के दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पावन अवसर पर गया और गंगा नदी के किनारे स्थित प्रमुख स्थानों पर पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस विधि से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा विशेष रूप से व्यक्ति पर बरसती है।
New Delhi: ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, 02 सितंबर को सोमवती अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर साधक गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान एवं ध्यान करते हैं। इसके अलावा, देवों के देव महादेव की पूजा (Somvati Amavasya Puja Vidhi) भी की जाती है। इस शुभ अवसर पर पितरों का तर्पण करने की परंपरा भी है। ज्योतिषियों के अनुसार, सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग के साथ-साथ कई अन्य मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन विशेष योगों में स्नान-ध्यान और भगवान शिव की उपासना करने से भक्त को अक्षय फल मिलता है।
शिव योग का दुर्लभ संयोग
ज्योतिषियों के पंचांग के अनुसार, इस बार सोमवती अमावस्या (02 सितंबर) पर शिव योग का दुर्लभ संयोग देखने को मिलेगा। इस विशेष योग में भक्तों द्वारा भगवान शिव की पूजा करने से उनको अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। इस पवित्र मुहूर्त में पितरों का तर्पण करने से साधकों को अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। सोमवती अमावस्या पर शिव योग का यह संयोग संध्याकाल 06 बजे 20 मिनट तक रहेगा। साधक अपनी सुविधा के अनुसार स्नान, ध्यान, पूजा, जप, तप और दान कर सकते हैं।
इस अमावस्या पर सिद्ध योग
सोमवती अमावस्या के दिन शिव योग के बाद सिद्धि योग भी बन रहा है। ऐसे में आपको बता दें कि इस योग में कार्य करने से व्यक्ति को अपनी इच्छाओं के अनुसार फल मिलता है और कार्य में पूर्ण रूप से सफलता भी मिलती है। ज्योतिष में सिद्धि योग को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग के दौरान पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। यह योग संध्याकाल 06 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो रहा है और पूरी रात जारी रहेगा।
शिववास योग का निर्माण
आपको बता दें कि सोमवती अमावस्या के अवसर पर एक अत्यंत दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। यह योग पूरे दिन भर सक्रिय रहेगा। भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर ध्यान मुद्रा में स्थित रहेंगे। इस विशेष समय का प्रभाव समस्त लोकों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
देखें शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्योदय - सुबह 06 बजे
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक
विजय मुहूर्त का समय - 02 सितंबर की दोपहर 02 : 27 बजे से 03:18 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त का समय - शाम 06 : 41 से 07 :04 मिनट तक रहेगा
निशिता मुहूर्त- रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक