PM Modi आज यानि 21 जुलाई, रविवार को भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के आयोजन का उद्घाटन करेंगे। यह समिति नई दिल्ली में 21 से 31 जुलाई तक आयोजित होगी और इसमें पीएम मोदी विभिन्न देशों के विश्व धरोहर स्थलों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
New Delhi, PM Modi: रविवार (21 जुलाई) को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र का उद्घाटन करने वाले हैं। यह समारोह यूनेस्को का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसकी मेजबानी पहली बार भारत नई दिल्ली के भारत मंडपम में 21 से 31 जुलाई तक कर रहा है। इस उपलक्ष्य में, यूनेस्को के महानिदेशक 'आड्रे अजोले' भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय के दौरान इस महत्वपूर्ण घटना की पुष्टि की गई है जिसमें बताया है कि पीएम मोदी इस समारोह में सभा को संबोधित करेंगे। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, विरासत और संरक्षण के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
कई देशों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
बता दें कि विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। जिसकी मेजबानी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस बैठक में भाग लेने वाले 150 से अधिक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। वहीं, इस सत्र का कार्यकाल 11 दिनों तक चलेगा और इस दौरान विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को नामांकित करने के प्रस्ताव, 124 मौजूदा विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग सहित अन्य मुद्दों पर गहरी चर्चा होगी।
भारतीय कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व
विश्व धरोहर समिति की बैठक के साथ-साथ एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें विश्व धरोहर युवा पेशेवरों के लिए एक मंच और विश्व धरोहर स्थल प्रबंधकों के लिए भी एक मंच होगा। इसके साथ ही, भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी। "रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स" प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गई कुछ कलाकृतियां भी प्रदर्शित की जाएंगी, जिससे भारतीय कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया जाएगा।
350 से अधिक कलाकृतियां वापस लाई गई
इसके अलावा, भारत के तीन विश्व धरोहर स्थलों - रानी की वाव (पाटन, गुजरात), कैलासा मंदिर और एलोरा गुफाएं (महाराष्ट्र), और होयसला मंदिर (हलेबिड, कर्नाटक) के बारे में नवीनतम AR और VR तकनीकों का उपयोग करके एक भावपूर्ण अनुभव प्रदान किया जाएगा। इससे यात्रियों को इन स्थलों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को बेहतर ढंग से समझाने का अवसर मिलेगा। बताया गया कि यहां अब तक 350 से अधिक कलाकृतियां वापस लाई जा चुकी हैं।
इस अवसर पर, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, उसकी सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता, पर्यटन स्थलों, सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी 'अतुल्य भारत' प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इससे विश्वभर के लोगों को भारत की विविधता और विशेषता का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा।