सूत्रों के अनुसार, यह सिक्का 1975 में तैयार किया गया था और इसे 20वीं सदी के सबसे दुर्लभ सिक्कों में से एक माना जा रहा है। नीलामी करने वाली एजेंसी के अनुसार, यह सिक्का एक अमेरिकी डाइम है।
Knowledge: दुनिया में कई ऐसी वस्तुएं हैं जो पहली नज़र में साधारण लगती हैं, लेकिन उनकी कीमत इतनी अधिक होती है कि कल्पना करना भी मुश्किल है। आज हम आपको एक ऐसे सिक्के की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसकी निर्माण लागत कुछ सौ या हजार रुपये के आसपास रही होगी, लेकिन जब इसे नीलाम किया गया, तो इसकी बोली 4 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। आइए, हम इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सिक्के का ऐतिहासिक महत्व
इस दुर्लभ सिक्के का निर्माण वर्ष 1975 में किया गया था और इसे 20वीं सदी के सबसे दुर्लभ सिक्कों में से एक माना जाता है। नीलामी करने वाली एजेंसी के अनुसार, यह सिक्का एक अमेरिकी डाइम है, जिसे सैन फ्रांसिस्को के टकसाल में बनाया गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति की तस्वीर
इस सिक्के पर अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट की तस्वीर अंकित है। इसके अलावा, इस सिक्के पर 'S' का साइन नहीं है, जो आमतौर पर हर सिक्के पर होता है। इसकी विशेषता यह है कि पूरी दुनिया में ऐसे केवल दो सिक्के मौजूद हैं, यही कारण है कि यह सिक्का अत्यधिक दुर्लभ माना जाता है।
ऑनलाइन बोली का आयोजन
इस दुर्लभ सिक्के की नीलामी ग्रेट कलेक्शंस नामक नीलामीघर ने ऑनलाइन आयोजित की थी। कैलिफोर्निया ग्रेट कलेक्शंस के अध्यक्ष इयान रसेल ने कहा कि वह इस सिक्के की नीलामी के सफल होने से बहुत खुश हैं। इस सिक्के की नीलामी 4.25 करोड़ रुपये में हुई है।
सिक्के के पूर्व मालिक की कहानी
नीलामी से पहले यह सिक्का ओहियो की तीन बहनों के पास था, जिन्होंने अपनी पहचान गुप्त रखी है। नीलामी कंपनी से बात करते हुए, उन्होंने बताया कि यह सिक्का उन्हें अपने भाई की मृत्यु के बाद मिला। उनके भाई और मां के पास ऐसे दो सिक्के थे, जो उन्हें विरासत में प्राप्त हुए थे। हालांकि, 1978 में उनमें से एक सिक्का परिवा ने 15 लाख में बेच दिया