दुनिया बहुत बड़ी है और इसके एक कोने में बैठकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि दूसरे कोने में क्या हो रहा होगा। कभी-कभी हमें ऐसी हैरतअंगेज और दिलचस्प बातें सुनने को मिलती हैं कि हम हैरान रह जाते हैं। आज हम आपको दुनिया की एक ऐसी अनोखी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बच्चे को जन्म देना और मरना गैरकानूनी है।
यह जगह है नॉर्वे का एक द्वीप जिसे स्वालबार्ड (Svalbard) के नाम से जाना जाता है। यहां की अनोखी व्यवस्था के अनुसार, इस द्वीप पर बच्चों का जन्म और लोगों की मृत्यु दोनों ही प्रतिबंधित हैं।
क्यों है मरने पर पाबंदी?
स्वालबार्ड में अत्यधिक ठंड का आलम है। यहां तापमान इतना कम होता है कि किसी भी मृत शरीर का विघटन (डिकंपोज) नहीं हो पाता। इसका मतलब है कि शव वर्षों तक उसी स्थिति में रहता है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रामक बीमारी से मरा हो, तो उस बीमारी के वायरस सालों तक जीवित रह सकते हैं, जो द्वीप पर रहने वाले अन्य लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इसलिए, अगर किसी की हालत गंभीर हो जाती है या उसकी मृत्यु निकट होती है, तो उसे हेलीकॉप्टर से मुख्यभूमि नॉर्वे ले जाया जाता है, ताकि वहीं उसका अंतिम संस्कार हो सके।
जन्म लेना भी गैरकानूनी क्यों?
स्वालबार्ड में जन्म लेना भी आसान नहीं है। द्वीप पर मौजूद स्वास्थ्य सेवाएं इतनी सीमित हैं कि सुरक्षित प्रसव के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। यदि कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे प्रसव से पहले द्वीप छोड़ना अनिवार्य होता है। नॉर्वे के बड़े अस्पतालों में ही बच्चे का जन्म सुनिश्चित किया जाता है। स्वालबार्ड अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है।
आर्कटिक महासागर में स्थित यह द्वीप अनोखे वन्यजीव और पर्यावरण के कारण दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां वीजा की भी आवश्यकता नहीं होती, जो इसे और भी खास बनाता है। लेकिन इसके अनोखे कानूनों के कारण यहां रहना उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है।
क्या है स्थानीय जीवन?
स्वालबार्ड में ज्यादातर लोग शोधकर्ता, वैज्ञानिक या पर्यावरणविद होते हैं। यहां का जीवन कठिनाई भरा है, लेकिन जो लोग यहां रहते हैं, वे इन कानूनों को सहजता से स्वीकार कर चुके हैं। स्वालबार्ड की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए ये कानून एक आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। प्राकृतिक सौंदर्य और कठोर जीवनशैली का अनोखा संगम इस द्वीप को खास बनाता है।