वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा ग्रह खोजा है जो पृथ्वी के समान द्रव्यमान और चट्टानी संरचना वाला है, और जिस पर जीवन की संभावना जताई जा रही है। यह ग्रह धनु राशि के तारामंडल में स्थित है और एक सफेद बौने तारे के चारों ओर परिक्रमा करता है। इस खोज ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है, क्योंकि पृथ्वी के समान ग्रहों पर जीवन की संभावना हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए एक रोमांचक विषय रही हैं।
World: खगोलविदों की एक टीम ने सौर मंडल से 4,000 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे की परिक्रमा कर रहे पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की है, जो हमारे ग्रह के सुदूर भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करता है। यह चट्टानी ग्रह, जिसका द्रव्यमान पृथ्वी के समान है, धनु तारामंडल में एक सफेद बौने तारे (white dwarf) के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। इस ग्रह पर जीवन की संभावनाएं देखी गई हैं, जो भविष्य में पृथ्वी के अस्तित्व को लेकर नई उम्मीदें पैदा करती हैं।
जब सूर्य अपने अंतिम चरण में प्रवेश करेगा और सफेद बौने तारे में बदल जाएगा, तो संभव है कि पृथ्वी उस परिवर्तन से बच सके। इस संभावना के चलते बाहरी सौर मंडल में प्रवास की राह खुल सकती है, जिसमें बृहस्पति के यूरोपा, कैलिस्टो और गेनीमेड जैसे चंद्रमा या शनि का एन्सेलाडस, मानवता के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बन सकते हैं।
कैसा दिखता है ये नया ग्रह?
जैसे ही सूर्य का परमाणु ईंधन समाप्त होगा, वह एक लाल विशालकाय गोले में बदल जाएगा, और इसके विस्तार की सीमा बुध और शुक्र को अपनी चपेट में लेकर उन्हें भस्म कर सकती है। इसके बाद, सूर्य अपनी बाहरी परतें खो देगा और अंततः एक सफेद बौना (white dwarf) बन जाएगा। यह सूर्य के जीवन का अंतिम चरण होगा, जिसमें सूर्य केवल एक ठंडी, धीमे-धीमे ठंडी होती चमकदार बूँद रह जाएगा।
जहाँ तक पृथ्वी की बात है, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सूर्य के इस विस्तार और संकुचन के दौरान पृथ्वी सीधे भस्म तो नहीं होगी, लेकिन इसके वातावरण और जल संसाधन वाष्पीकृत हो सकते हैं, जिससे जीवन का अस्तित्व खत्म हो सकता है। अगर पृथ्वी भौतिक रूप से भस्म होने से बच भी जाए, तो वह बेहद गर्म और शुष्क बंजर भूमि बन जाएगी, जहाँ जीवन की संभावना न के बराबर होगी।
हालांकि, बाहरी सौर मंडल के चंद्रमाओं जैसे यूरोपा, गेनीमेड और एन्सेलाडस पर रहने की संभावनाएं खुल सकती हैं। इन चंद्रमाओं के सतह के नीचे विशाल महासागर हैं और यदि वे सूर्य के ठंडे होने के बाद भी ऊर्जा स्रोत बनाए रख सकते हैं, तो यह भविष्य में मानवता के लिए नए आश्रय स्थल बन सकते हैं।
क्या खत्म हो जाएगी पृथ्वी?
सूर्य जैसे-जैसे अपने जीवन के अंतिम चरण में लाल विशालकाय (रेड जायंट) में विस्तारित होगा, उसका द्रव्यमान घटता जाएगा, जिससे गुरुत्वाकर्षण प्रभाव कम हो जाएगा। इसका परिणाम यह हो सकता है कि पृथ्वी और अन्य ग्रह अपनी कक्षाओं में थोड़ा बाहर की ओर खिसक जाएं। इससे पृथ्वी को सूर्य के सीधे संपर्क में आने और जलकर नष्ट होने से बचने का एक अवसर मिल सकता हैं।
यूसी बर्कले में खगोल विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर जेसिका लू का कहना है कि इस लाल विशाल चरण के दौरान पृथ्वी पर जीवन बचा रह पाएगा या नहीं, यह अभी अज्ञात है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि सूर्य के लाल विशालकाय बनने तक पृथ्वी इसके प्रभाव से बच सकती हैं।
फिर भी, वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि पृथ्वी का जीवन-योग्य समय सीमित है। अगले अरब वर्षों में, ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण पृथ्वी के महासागर वाष्पीकृत हो सकते हैं, जिससे जीवन के लिए आवश्यक वातावरण समाप्त हो जाएगा। इसका अर्थ है कि सूर्य के लाल विशाल बनने से पहले ही पृथ्वी की सतह अत्यधिक गर्म और बंजर बन जाएगी, जिससे जीवन का अंत हो जाएगा।