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खसरे का प्रकोप, अमेरिका में 700 से अधिक मामले, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

खसरे का प्रकोप, अमेरिका में 700 से अधिक मामले, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
अंतिम अपडेट: 5 घंटा पहले

अमेरिका में खसरे (Measles) का प्रकोप गंभीर रूप लेता जा रहा है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, खसरे के मामलों की संख्या शुक्रवार तक 700 से ऊपर पहुंच चुकी है, और सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हैं।

Measles Outbreak: अमेरिका में इस साल खसरे (Measles) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और यह विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित कर रहा है। हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, खसरे के मामले शुक्रवार तक 700 से ऊपर पहुंच चुके हैं, और कई रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने बैठक के दौरान कहा कि खसरे के मामले राष्ट्रीय स्तर पर स्थिर हो रहे हैं, लेकिन यह वायरस मुख्य रूप से बिना टीकाकरण वाले लोगों में फैल रहा है। 

इस पर काबू पाने के लिए यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने वेस्ट टेक्सास में एक टीम तैनात की है, जो लोगों का टीकाकरण कर रही है और संक्रमण के फैलाव को रोकने के उपाय कर रही है।

वायरस का प्रसार और टीकाकरण की कमी

अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के सचिव रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने एक हालिया बैठक में बताया कि खसरे के मामले फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर स्थिर होने की ओर हैं, लेकिन वायरस उन समुदायों में फैल रहा है, जहां टीकाकरण की दर बहुत कम है। यह चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि ऐसे क्षेत्र महामारी के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। विशेष रूप से, वेस्ट टेक्सास जैसे क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

ग्लोबल स्तर पर बढ़ती खसरे की घटनाएं

खसरे के मामलों में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका में खसरे के मामलों की संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई है। इसी प्रकार, भारत जैसे देशों में भी खसरे के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर खसरे के मामलों में 20% की बढ़ोतरी हुई है। 2023 में 10.3 मिलियन खसरे के मामले दर्ज किए गए थे, जिससे यह बीमारी फिर से चिंता का विषय बन गई है।

भारत में महामारी के बाद खसरे के मामलों में उछाल

भारत में भी कोविड-19 महामारी के बाद खसरे के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। महामारी के दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान पर असर पड़ा, जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चों को खसरे का टीका नहीं लग पाया। आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच खसरे के मामलों में 62% की गिरावट आई थी, लेकिन अब यह आंकड़ा फिर से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में टीकाकरण की कमी से इस बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है।

टीकाकरण से बचाव सबसे प्रभावी उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, खसरे से बचने का सबसे प्रभावी तरीका Measles, Mumps, Rubella (MMR) वैक्सीन लगवाना है। बच्चों को यह टीका 12 से 15 महीने की उम्र में और दूसरा टीका 4 से 6 साल के बीच लगवाना चाहिए। इसके अलावा, जिन लोगों ने पहले टीका लिया था, लेकिन उनकी वैक्सीनेशन स्थिति में कोई अंतर आया है, उन्हें बूस्टर वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि खसरे जैसे वायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य है, और यही एकमात्र तरीका है जिससे इस बीमारी को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, कोरोना महामारी के कारण जो टीकाकरण में रुकावट आई थी, उसके कारण इस समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

संक्रमण को रोकने के लिए वैश्विक प्रयास जरूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से आग्रह किया है कि वे बच्चों के टीकाकरण अभियान को और मजबूत करें, ताकि खसरे जैसे खतरनाक वायरस के फैलाव को रोका जा सके। विशेष रूप से, अमेरिका, यूके, और दक्षिण-पूर्व एशिया में स्वास्थ्य अधिकारी अब उन बच्चों को पहचानने और उनका टीकाकरण करने के लिए काम कर रहे हैं, जिन्होंने महामारी के दौरान टीका नहीं लगवाया।

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