Lok Sabha Election 2024: चन्द्रभद्र सिंह सोनू सपा में हुए शामिल, मेनका गांधी की बढ़ी टेंशन, वरुण गांधी के खास ने भाजपा के खिलाफ चली चाल

Lok Sabha Election 2024: चन्द्रभद्र सिंह सोनू सपा में हुए शामिल, मेनका गांधी की बढ़ी टेंशन, वरुण गांधी के खास ने भाजपा के खिलाफ चली चाल
Last Updated: 23 मई 2024

बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सुलतानपुर लोकसभा सीट से पिछली बार चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया। सोनू के इस फैसले से भाजपा प्रत्याशी व सांसद मेनका गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

सुलतानपुर: पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू ने समाजवादी पार्टी का दामन थम लिया है। पार्टी में शामिल होने के बाद पार्टी कार्यालय में Subkuz.com के पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए कहां कि सपा की नीतियों से प्रभावित होकर और अपने मन  की मानते हुए यह निर्णय लिया है। उनका यह फैसला जिले के भावी विकास और भाईचारे को बढ़ावा देने वाला होगा। उन्होने कहां कि भाजपा सरकार तानाशाही, भ्रष्टाचार और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ अन्याय करने वाली हैं।

अखिलेश के समक्ष थामा सपा का हाथ

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछली बार बसपा से सुलतानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू ने सपा से हाथ मिला लिया हैं। उन्हें लखनऊ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी का तमगा पहना कर शामिल किया। सोनू के सपा में शामिल होने के बाद गठबंधन को मजबूती मिलेगी। तथा भाजपा प्रत्याशी व सांसद मेनका गांधी की मुश्किलें बढ़ जाएगी।

जानकारी के मुताबिक दो विधानसभा क्षेत्र में भद्र परिवार का खासा प्रभाव रहा है। साथ ही क्षत्रिय बिरादरी में भी उनकी गहरी पैठ बनी हुई है। वर्ष 2002 में सपा के सिंबल पर इसौली विधानसभा सीट से जीत हासिल करके चन्द्रभद्र सिंह पहली बार विधायक बने थे। उसके बाद 2007 में भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे।

साल 2013 में बीजेपी का थमा दामन

राजनीति के बदलते रुख को भांपते हुए चन्द्रभद्र सिंह ने वर्ष 2013 में भारतीय जानता पार्टी में शामिल हुए थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी की जीत में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा था। इस कारण उन्होंने चन्द्रभद्र सोनू को इसौली से अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। इसके बाद सोनू 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी को छोड़कर बसपा से हाथ मिला लिया था।

जानकारी के अनुसार गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में आने से पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ाया। भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से सोनू 14 हजार 526 मतों के बड़े अंतर से पराजित हो गए। कुछ दिनों पहले से सोनू के भाजपा या सपा में जाने की चर्चा गरमा रही थी, जिस पर बुधवार को लगाम लग गई। सोनू के पिता स्व. इन्द्रभद्र सिंह भी विधायक रह चुके थे, जिनकी किसी ने हत्या कर दी थी। वहीं, भाई यशभद्र कुमार सिंह मोनू पार्टी प्रमुख रहे चुके हैं। साथ कई विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं।

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