जयपुर से एक दुखद और हृदय विदारक खबर आई है, जहां राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी का मंगलवार सुबह साइलेंट हार्ट अटैक के कारण आकस्मिक निधन हो गया। परिवार और समाज में शोक की लहर दौड़ गई है।
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बेहद दुखद और भावनात्मक खबर सामने आई है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की पत्नी का मंगलवार की सुबह साइलेंट हार्ट अटैक के चलते आकस्मिक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि रात को वे बिल्कुल सामान्य थीं, परिवार संग भोजन किया, और फिर हमेशा के लिए सो गईं। सुबह जब उन्हें उठाने की कोशिश की गई, तब वे बेहोश मिलीं। चिकित्सकों की जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
यह घटना न सिर्फ राजनीतिक गलियारों को हिला गई है, बल्कि लाखों लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि साइलेंट हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति कितनी खामोशी से ज़िंदगी छीन सकती है।
एक सामान्य शाम, और फिर जीवन की आखिरी सुबह
मिली जानकारी के अनुसार, मंत्री की पत्नी की तबीयत में रात तक किसी तरह की शिकायत नहीं थी। वे रोज़ की तरह घर के सदस्यों के साथ रात का भोजन करने के बाद आराम करने चली गईं। मंत्री जी खुद कुछ देर बाद कार्यालयी कार्यों में व्यस्त हो गए थे। सुबह जब पत्नी को चाय देने के लिए एक पारिवारिक सदस्य कमरे में पहुंचे, तो उन्होंने उन्हें बिस्तर पर अचेत अवस्था में पाया। फौरन निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में साइलेंट हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया।
क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक?
डॉक्टरों के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक में व्यक्ति को सीने में तेज दर्द, सांस फूलना, पसीना आना जैसी पारंपरिक लक्षण नहीं दिखते। यह अटैक बहुत धीरे और बिना किसी स्पष्ट संकेत के आता है, जिससे व्यक्ति को समझ ही नहीं आता कि उसके दिल पर खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि महिलाओं में यह खतरा अधिक होता है, खासकर उन लोगों में जो नियमित जांच नहीं करवाते या मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों से जूझ रहे हों।
मंत्री ने कहा – मेरी ताकत चली गई
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, जो खुद स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चर्चित रहे हैं, इस क्षति से पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने मीडिया से कहा वह सिर्फ मेरी पत्नी नहीं थीं, मेरी आत्मा थीं। हम दोनों ने साथ में संघर्ष किया, जीवन के हर उतार-चढ़ाव को जिया। अब लगता है जैसे मेरी आवाज़ भी चली गई। परिवार में तीन संतानें हैं, जिनमें दो विवाहित हैं। पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।
मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्रियों, विधायकों और विपक्ष के नेताओं ने शोक व्यक्त किया और संवेदनाएं प्रकट कीं। जयपुर के कई अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग कार्यालयों पर शोक स्वरूप एक दिन का मौन रखा गया। जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सतीश महाजन ने कहा, यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि हमारा दिल खामोशी से भी संकट में आ सकता है। इसलिए सभी को 40 की उम्र के बाद नियमित रूप से हृदय की जांच करवानी चाहिए।