अरविंद केजरीवाल की 'जनता की अदालत' में बड़ा बयान: मेरा एक ही उदेश्य हैं जनता की सेवा….

अरविंद केजरीवाल की 'जनता की अदालत' में बड़ा बयान: मेरा एक ही उदेश्य हैं जनता की सेवा….
Last Updated: 2 घंटा पहले

भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफा देने वाले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर-मंतर पर जनता की अदालत स्थापित की। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने निर्णय के बारे में जनता के सवालों का जवाब दिया। केजरीवाल ने मंगलवार को अपने इस्तीफे के बाद से कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया था। कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भी उपस्थित रहीं।

 

New Delhi: दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने लगाई 'जनता की अदालत' दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज जंतर मंतर पर 'जनता की अदालत' लगाई। केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, "आज हमें 2011 का वो समय याद रहा है, जब 4 अप्रैल को अन्ना आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ था।"

 

उस समय की अहंकारी सरकार ने हमारी बात नहीं मानी थी और कहा था कि चुनाव लड़ कर दिखाओ। हमने चुनाव लड़ा और साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं। पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई।"

 

 

केजरीवाल के संबोधन की विशेष बातें

1. केजरीवाल ने कहा कि हमने पिछले 10 वर्षों में ऐसे कार्य किए हैं, जिनकी कल्पना भी दूसरे लोग नहीं कर सकते थे।

2. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी को लगा कि हम समस्या पैदा कर सकते हैं, इसलिए हमारी ईमानदारी पर हमला किया गया और हमें भ्रष्टाचारी साबित करने के लिए जेल में डाल दिया गया।

3. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे उन्हें चोर कहते हैं, जिससे उन्हें दुख होता है, और इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दिया।

4. केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि उनकी पूरी जिंदगी में उन्होंने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया है और वे भ्रष्टाचार के दाग के साथ जीने को तैयार नहीं हैं। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है।

5. वे सवाल उठाते हैं कि क्या केजरीवाल चोर हैं या उन्हें जेल भेजने वाले लोग चोर हैं।

6. उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी की कोई भूख नहीं है।

7. आरएसएस के राष्ट्रवाद के दावे पर सवाल उठाते हुए उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि क्या यह सही है कि मोदी जी अन्य दलों के नेताओं को लालच या धमकी देकर तोड़ रहे हैं।

8. केजरीवाल ने आरएसएस और भाजपा के संबंध को भी चुटकी लेते हुए कहा कि आज बेटा अपनी मां को आंखें दिखा रहा है।

9. उन्होंने नड्डा के बयान पर भी टिप्पणी की कि "हमें आरएसएस की जरूरत नहीं है," क्या यह सही है? वे यह भी पूछते हैं कि उम्र का जो नियम भाजपा के नेताओं पर लागू होता है, वह मोदी पर क्यों लागू नहीं होता?

10. केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि भागवत जी इन सवालों का जवाब देंगे।

11. उन्होंने कहा कि आने वाला चुनाव मामूली चुनाव नहीं है, बल्कि यह अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है।

12. उन्होंने अंत में कहा कि झाड़ू केवल आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं है, बल्कि यह आस्था का प्रतीक है।

 

 

केजरीवाल की पहली जनता की अदालत का आयोजन

भरोसे का परीक्षण आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार जनता की अदालत का आयोजन किया है। यह एक ऐसा मंच है जहाँ आम जनता सीधे केजरीवाल से सवाल पूछ सकती है और उनकी शिकायतों का समाधान पा सकती है। यह कार्यक्रम जंतर मंतर पर आयोजित किया गया है जहाँ दिल्ली के हर कोने से लोग शामिल होने आए हैं।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि केजरीवाल खुद जनता से पूछेंगे कि क्या उन्हें विश्वास है कि वह ईमानदार हैं या नहीं। यह कार्यक्रम केजरीवाल के ईमानदारी और जनता के प्रति जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह एक नया अध्याय है जहाँ राजनेता और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित हो रहा है।

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