अजमेर जिले के रूपनगढ़ में एक जमीन विवाद के चलते तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब बलवाराम चौधरी के भांजे ने श्वेतांबर जैन समाज छात्रावास की जमीन पर बनाए जा रहे दुकानों का विरोध किया। ग्रामीणों द्वारा इस जमीन पर दुकानों का निर्माण किया जा रहा था, जिसका बलवाराम के भांजे ने विरोध करते हुए हमला कर दिया।
Ajmer: अजमेर जिले के रूपनगढ़ में जमीन विवाद को लेकर तनाव और हिंसा की घटना सामने आई है। इस विवाद में किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया की हत्या के आरोप में बलवाराम चौधरी पहले से ही जेल में सजा काट रहे हैं। ताजा घटना में, रविवार को बलवाराम चौधरी के भांजे और उनके साथियों ने श्वेतांबर जैन समाज छात्रावास की जमीन पर बनाई जा रही दुकानों का विरोध करते हुए हमला किया।
हमले के बाद, बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए और स्थिति उग्र हो गई, जिससे गुस्साए लोगों ने एक जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा के कारण इलाके के बाजार बंद हो गए और तनाव फैल गया। इसके बाद स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मौके पर सुरक्षा बल तैनात किया।
जमीनी विवाद पर की फायरिंग
अजमेर जिले के रूपनगढ़ में जमीन विवाद को लेकर हालात और भी गंभीर हो गए हैं। फायरिंग और आगजनी की खबरों के बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया है। सूत्रों के अनुसार, विवाद उस समय बढ़ा जब बलवाराम चौधरी के भतीजे, दिनेश चौधरी, ने श्वेतांबर जैन समाज छात्रावास की जमीन पर बनाई जा रही दुकानों का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर हमला कर दिया। यह हमला उस विवाद से जुड़ा हुआ है जिसमें बलवाराम चौधरी पर पूर्व विधायक नाथूराम सिंदोइया के बेटे भंवर सिंदोइया की हत्या का आरोप है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और स्थानीय बाजार भी बंद हो गए हैं।
हिंसा में एक व्यक्ति की मौत
इस बीच बलवाराम चौधरी के साथियों ने मौके पर पहुंचकर दुकानों का निर्माण कर रहे ग्रामीणों के साथ मारपीट की और जेसीबी से दुकानों को तोड़ने की कोशिश की। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने विरोध में जेसीबी में तोड़फोड़ कर दी।
इस हिंसा के दौरान बलवाराम चौधरी के भांजे, दिनेश चौधरी, ने तीन से चार राउंड फायर किए, जिससे एक ग्रामीण की मौत हो गई। इस मारपीट में तीन-चार अन्य लोग भी घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल ग्रामीण नारायण कुमावत को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
क्या था मामला?
भंवर सिनोदिया की हत्या का मामला एक गंभीर और चर्चित घटना थी। किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया की हत्या के बाद, इस हत्याकांड का मुख्य चश्मदीद गवाह भागचंद चोटिया था। घटना जयपुर रोड बालाजी मंदिर के पास की है, जहाँ शाम 4 बजे तीन अज्ञात हमलावर बाइक पर आए और सरेआम भागचंद चोटिया पर फायरिंग कर दी। इस हमले में चोटिया की मौके पर ही मौत हो गई।
फायरिंग के बाद हमलावर घटनास्थल से भाग निकले और प्रयुक्त पिस्टल वहीं छोड़ गए, जिसे बाद में पुलिस ने जब्त कर लिया। चोटिया भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य गवाह थे, और उनकी हत्या ने मामले को और भी पेचीदा और संवेदनशील बना दिया।