झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है। इस दौरान जज के सामने ईडी ने जवाब और साबुत दाखिल करने के लिए कुछ दिनों का समय मांगा। इस मामले की अगली सुनवाई 10 जून को निर्धारित की गई हैं।
रांची: झारखंड हाई कोर्ट में भूमि घोटाला मामले के आरोपित पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर मंगलवार (28 मई) को जज के समक्ष सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से साबुत और जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा गया। इसके बाद अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 जून को निर्धारित की है। हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका पर जल्दी सुनवाई करके उन्हें रिहा करने का आग्रह किया गया। बताया कि हेमंत सोरेन भूमि घोटाला मामले में 31 जनवरी 2024 से जेल की सलाखों के पीछे हैं।
हेमंत सोरेन पिछले तीन महीने से है जेल में
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। साथ ही हाई कोर्ट से इस याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने का आग्रह भी किया है। हाई कोर्ट ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मंगलवार को सुनवाई की थी। लेकिन ED ने जवाब देने के लिए और समय माँगा हैं. Subkuz.com की जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने 13 मई को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका को खारिज कर कर दिया था। बड़गाई अंचल के 8.83 एकड़ जमीन को गलत तरीके से खरीदने और बेचने के मामले में ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत कुमार सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अभी ताज जेल की सलाखे गईं रहे हैं।
SC से हेमंत सोरेन ने याचिका ली वापस
भूमि घोटाला मामले में हेमंत सोरेन ने ईडी कोर्ट में 15 अप्रैल को जमानत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद चार मई को ईडी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की थी। कोर्ट में ईडी के आधिकारियों की ओर से कहां गया था कि हेमंत सोरेन ने अपने ओहदे का दुरुपयोग किया है। जमीन फर्जीवाड़ा करवाने में इनका हाथ हैं, जबकि हेमंत सोरेन की ओर से याचिका में कहां गया था कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गलत है। ED के पास किसी प्रकार के लेन-देन का साक्ष्य भी मौजूद नहीं हैं।
बताया गया है कि इससे पहले हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती पेश की थी। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत भी मांगी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से साफ-साफ इनकार कर दिया था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका को हटा लिया।