आंध्रप्रदेश से एक महिला मजदूर की प्रेरणादायी कहानी देखने को मिली है | वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजदूरी करती है। पूरे दिन चिलचिलाती धूप में काम करती थी जिससे की उन्हें शाम को अपने परिवार को खिलाने के लिए पर्याप्त पैसा मिल जाया करता था। मजदूर महिला को पता था की ऐसे ज्यादा दिन तक वह अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर सकती हैं इसलिए उसने पढाई करने का सोचा। उसी दिन महिला ने पढाई करना शुरू किया और रसायन विज्ञानं में PHD की डिग्री हासिल करके सभी को आश्चर्यचकित किया |
झोपडी में रह कर की PHD
साके भारती की रसायन विज्ञान में पीएचडी वर्षों की कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। साके भारती आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में रहती है। उनकी यात्रा अनंतपुर की गंदगी भरी सड़कों से शुरू हुई, लेकिन आज वह एक अच्छे मुकाम पर पहुँच चुकी है। साके को अब अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बनने की पूरी पूरी उम्मीद है।
12वी करने के बाद उसकी शादी हो गयी
साके भारती के इस सफलता को पाने के पीछे कई संघर्ष शामिल है। उन्होंने 12वीं कक्षा तक एक सरकारी संस्थान में पढ़ाई की और वे उसके आगे भी पढ़ना चाहते थे, लेकिन घर का माहौल अच्छा नहीं था। अपनी ख़राब आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने 12वी परीक्षा पास करते ही शादी कर ली। उन्होंने शिव प्रसाद से शादी की और शादी के कुछ समय बाद ही वह गर्भवती हो गई और एक बेटी को जन्म दिया।