आपकी योजना यदि नेपाल में अपनी गाड़ी से यात्रा करने की है, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकती है। नेपाल में भारतीय नंबर वाले वाहनों के लिए अब रोड परमिट के लिए भारतीय मुद्रा में 1600 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह शुल्क नेपाल यातायात विभाग के पास जमा करना होगा और उसके बदले में आपको एक रसीद प्राप्त करनी होगी। यदि आपके पास रोड परमिट नहीं है, तो जुर्माना 1000 से लेकर 5000 रुपए तक हो सकता है।
Indo- Nepal Border: हाल ही में नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ा दिया है। अब रोड परमिट के लिए भारतीय मुद्रा में 1600 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा और इसके बदले में आपको नेपाल यातायात विभाग से रसीद प्राप्त करनी होगी।
यदि आपके पास रोड परमिट नहीं होता, तो जुर्माना 1000 से 5000 रुपये तक हो सकता है। इस प्रकार के नियमों और शुल्कों में बदलाव यात्रा की योजना बनाने के दौरान ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, ताकि आप यात्रा के दौरान किसी भी अनावश्यक परेशानी से बच सकें।
भारतीय वाहनों के लिए बदला नियम: नेपाल
नेपाल ने भारतीय नंबर वाले वाहनों के लिए रोड परमिट और प्रवेश शुल्क में बदलाव किया है। अब, भारतीय नंबर वाले वाहनों के लिए रोड परमिट शुल्क 1600 रुपये भारतीय मुद्रा में निर्धारित किया गया है, और इसके लिए नेपाल यातायात विभाग से रसीद लेना अनिवार्य है। इसके साथ ही, भारतीय बाइकों के लिए रोड परमिट शुल्क 100 नेपाली रुपये से बढ़ाकर 200 नेपाली रुपये कर दिया गया है।
छोटे चार पहिया वाहनों के लिए नया शुल्क
जानकारी के अनुसार, छोटे चार पहिया वाहनों पर अब 500 की जगह 600 नेपाली रुपये लिए जाएंगे। इसी तरह, मालवाहक मिनी ट्रकों से पहले 500 रुपये की जगह अब 700 रुपये और बड़े ट्रकों से 700 की बजाय 1000 नेपाली रुपये लिए जाएंगे।
यह जानकारी नेपाल भंसार यानी सीमा शुल्क कार्यालय के नियंत्रण कक्ष और पर्सा जिला पुलिस प्रवक्ता डीएसपी दीपक भारती ने साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सख्त निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिसके तहत इन नए शुल्कों का पालन अनिवार्य किया गया है। चालक दिवाकर गिरि और गुड्डू सिंह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे भारतीय वाहनों और पर्यटकों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।
भारतीय नागरिकों पर आर्थिक दबाव डाला जा रहा हैं-CCI
चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अरुण गुप्ता, सचिव आलोक श्रीवास्तव, लायंस क्लब के शंभु प्रसाद चौरसिया और बिमल रूंगटा ने जानकारी दी है कि भारतीय नागरिकों पर आर्थिक दबाव डालकर अप्रत्यक्ष रूप से नेपाल में वाहनों के प्रवेश को रोकने की एक साजिश की जा रही है। नेपाल की चीन समर्थित सरकार ने इस दबाव में यह नया टैक्स लगाया है।
व्यापारियों ने बताया कि इस स्थिति के कारण वर्तमान में 10 से 15 प्रतिशत भारतीय वाहनों का नेपाल में प्रवेश नहीं हो पा रहा है। पहले, प्रतिदिन लगभग एक हजार छोटे और बड़े वाहन नेपाल आते और जाते थे। लेकिन अब, इन दिनों सीमा क्षेत्र में वाहनों को पार्क कर नेपाली वाहनों द्वारा नेपाल में प्रवेश किया जा रहा है।