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पाकिस्तान के समर्थन से भारी नुकसान, तुर्किए-अजरबैजान में घटे भारतीय पर्यटक

पाकिस्तान के समर्थन से भारी नुकसान, तुर्किए-अजरबैजान में घटे भारतीय पर्यटक

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के समर्थन पर तुर्किए और अजरबैजान को नुकसान हुआ। मई से भारतीय सैलानियों की संख्या में 50% से अधिक गिरावट दर्ज की गई। भारतीय अब जॉर्जिया, सर्बिया और थाईलैंड जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं।

World Update: ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन अब उन्हें भारी पड़ता दिख रहा है। इन दोनों देशों में भारतीय सैलानियों की संख्या में मई के बाद से भारी गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय पर्यटक अब इन देशों की यात्रा से परहेज कर रहे हैं और जॉर्जिया, सर्बिया, थाईलैंड, ग्रीस जैसे नए डेस्टिनेशन की तलाश कर रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदला माहौल

मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान के साथ सैन्य तनाव बढ़ा, तब तुर्किए और अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया था। अजरबैजान ने पाकिस्तान की नीतियों का समर्थन किया, जबकि तुर्किए ने पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग में इस्लामाबाद का पक्ष लिया। इन घटनाओं के बाद भारतीय नागरिकों में इन दोनों देशों के प्रति नकारात्मक भावना बढ़ गई।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अजरबैजान में मई से अगस्त के बीच भारतीय पर्यटकों की संख्या में 56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि तुर्किए में यह गिरावट 33.3 फीसदी रही। यह वही देश हैं जो पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए थे।

भारत में बदला ट्रैवल ट्रेंड

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान समर्थक रुख के बाद भारतीय यात्रियों ने तुर्किए और अजरबैजान के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जताई। #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। ट्रैवल एजेंसियों ने भी बताया कि बुकिंग में भारी गिरावट आई है और कैंसिलेशन में कई गुना वृद्धि हुई है।

Make My Trip के प्रवक्ता ने बताया कि मई में ही तुर्किए और अजरबैजान के लिए बुकिंग 60 फीसदी तक कम हो गई थी, जबकि कैंसिलेशन 250 फीसदी बढ़ गया था। Ease My Trip के सीईओ रिकांत पिट्टी के मुताबिक, तुर्किए के लिए 22 फीसदी और अजरबैजान के लिए 30 फीसदी बुकिंग रद्द की गईं।

वीजा आवेदन में भी आई बड़ी गिरावट

वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस (Atlys) के अनुसार, तुर्किए और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदन में 42 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय सैलानी अब इन देशों की यात्रा को लेकर स्पष्ट रूप से अनिच्छुक हैं। मई से पहले जनवरी-अप्रैल के बीच अजरबैजान में भारतीय सैलानियों की संख्या में 33 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी, लेकिन मई-अगस्त में यह अचानक गिरकर 56 फीसदी घट गई।

तुर्किए का नुकसान, अन्य देशों को फायदा

तुर्किए भारतीय पर्यटकों के लिए लंबे समय से एक आकर्षक गंतव्य रहा है। खासकर इस्तांबुल से यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों की यात्रा के लिए यह केंद्र माना जाता है। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। भारतीय सैलानी अब जॉर्जिया, सर्बिया, ग्रीस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं।

ट्रैवल एजेंसियों के मुताबिक, जिन यात्रियों ने पहले से तुर्किए या अजरबैजान की फ्लाइट या होटल बुक किए थे, उन्होंने उन्हें कैंसिल कर वैकल्पिक गंतव्य चुने। इन नए देशों में न सिर्फ सुरक्षा का माहौल बेहतर है बल्कि भारतीयों के लिए वीजा प्रक्रिया भी आसान है।

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