Pakistan vs Afghanistan: अफगानिस्तान से बड़ी खबर! डुरंड सिमा पर तोपों की गरज, अफगान में घुसा पाक का लड़ाकू विमान जेक, तालिबान की पाक को खुली धमकी

Pakistan vs Afghanistan: अफगानिस्तान से बड़ी खबर! डुरंड सिमा पर तोपों की गरज, अफगान में घुसा पाक का लड़ाकू विमान जेक, तालिबान की पाक को खुली धमकी
Last Updated: 13 अगस्त 2024

पाकिस्तान और तालिबान के बीच तीव्र संघर्ष जारी है। ऐसे में दोनों के बीच एक सीमा चौकी के निर्माण को लेकर विवाद उत्पन्न हो रहा है। इस बीच, पाकिस्तानी सेना के फाइटर जेट अफगानिस्तान के इलाके में गश्त कर रहे हैं।

Kabul: पाकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच सीमा पर तनाव अत्यधिक बढ़ गया है। पाकिस्तान की सेना टीटीपी आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए अफगानिस्तान (Afghanistan) में अपने लड़ाकू जेट और किलर ड्रोन भेजे गए हैं। इस कार्रवाई के बाद तालिबानी सरकार भड़क उठी है, और डूरंड लाइन पर दोनों पक्षों से तोपों की बारिश की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, तोरखम सीमाई क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच भयंकर लड़ाई जारी है। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना ने दो अफगान बच्चों और एक महिला की हत्या कर दी है। दोनों तरफ से अभी भी तीव्र लड़ाई हो रही है, और तोपों से भारी गोलाबारी की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच एक चेक पोस्ट को बनाने को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है।

पाक के फाइटर जेट के घुसपैठ की जांच

तालिबानी सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने जानकारी दी कि उनकी सरकार पाकिस्तानी सेना के फाइटर जेट के घुसपैठ की जांच कर रही है। इससे पूर्व, अफगान के नागरिकों ने शिकायत की थी कि पाकिस्तानी सेना के फाइटर जेट कुनार और नानगरहार प्रांतों में अफगान हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। तालिबानी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि किसी भी देश को अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने बताया कि अगर पाक फाइटर जेट (लड़ाकू विमान) के सीमा में घुसने की खबर सही है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अफगान मीडिया के अनुसार, जब तक तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच विवाद के मूल कारणों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।

हमले में कई सैनिक और लोगों ने गवाई जान

इससे पहले, पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन विमानों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी, ताकि वे अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र में गश्त कर सकें। इस पर तालिबान ने कड़ा विरोध जताया था। तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच टीटीपी आतंकियों को लेकर सबसे अधिक विवाद देखने को मिलता है। आतंकवादी पाकिस्तान की सरकार को गैर-इस्लामी मानते हैं।

यही नहीं, जिस प्रकार तालिबान (Taliban) ने अशरफ गनी की सरकार को हटाकर अफगानिस्तान पर कब्जा किया, ठीक उसी तरह से वे पाकिस्तान पर भी कब्जा करने के लिए खूनी हमलों को अंजाम दे रहे हैं। इन हमलों में अब तक बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिक और आम नागरिक जान गंवा चुके हैं।

जानिए क्या है आतंकियों का उद्देश्य?

टीटीपी आतंकियों का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान में शरिया कानून को लागू करना है। पाकिस्तान के उत्तर वजीरिस्तान प्रांत में टीटीपी आतंकियों ने कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। इन आतंकियों ने सार्वजनिक सड़कों को खोद डाला है ताकि पाकिस्तानी सैनिक जल्दी से वहां पहुँच सकें। यह रणनीति तालिबान द्वारा अशरफ गनी सरकार (Government) के खिलाफ अपनाई गई थी।

स्थानीय पाक के नागरिकों ने कहा है कि टीटीपी आतंकियों द्वारा धमकी दी गई है कि वे अपने हमलों में तेजी करेंगे। उन्होंने सड़कों को खराब कर दिया है, जिसके कारण इलाके में आपूर्ति लाइनों में बाधा उत्पन्न हो रही है। वहीं, तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच डूरंड लाइन को लेकर विवाद खड़ा है। तालिबान ने स्पष्ट किया है कि वह ब्रिटिश द्वारा बनाए गए सीमा रेखा को नहीं मानता। इससे पाकिस्तानी सेना के साथ उसकी झड़पें बढ़ रही हैं।

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