Boman Irani Birthday: वेटर से 'वायरस' तक कैसे 42 वर्षीय अभिनेता ने फिल्म उद्योग में तहलका मचा दिया

Boman Irani Birthday: वेटर से 'वायरस' तक कैसे 42 वर्षीय अभिनेता ने फिल्म उद्योग में तहलका मचा दिया
Last Updated: 2 दिन पहले

बोमन ईरानी का जन्मदिन हर साल 2 दिसंबर को मनाते  है। बोमन ईरानी, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रमुख और प्रिय अभिनेता में से एक हैं। 2 दिसंबर 1959 को मुंबई में जन्मे ईरानी, अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण हिंदी, तमिल, तेलुगु और मराठी सिनेमा में अपनी पहचान बना चुके हैं। उनके अभिनय करियर ने उन्हें न सिर्फ प्रशंसा दिलाई है, बल्कि विभिन्न पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। फिल्मफेयर और IIFA जैसे पुरस्कारों से सम्मानित इस अभिनेता ने 100 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

बोमन ईरानी का जन्म एक ईरानी पारसी परिवार में हुआ था। उनके जीवन का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उनके पिता की मृत्यु उनके जन्म से पहले ही हो गई थी, जिसके कारण उनका पालन-पोषण उनकी माँ और तीन बड़ी बहनों द्वारा किया गया। बचपन में डिस्लेक्सिया जैसी समस्या से जूझते हुए, बोमन ने अपनी कठिनाइयों को पार किया और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ली। अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट मैरी स्कूल से प्राप्त करने के बाद उन्होंने मीठीबाई कॉलेज में दो साल का वेटर कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने अपनी माँ के साथ एक बेकरी और नमकीन की दुकान भी चलाई।

कैरियर की शुरुआत

बोमन ईरानी का फिल्मी सफर 2000 में शुरू हुआ। इससे पहले वे एक फोटोग्राफर और थिएटर कलाकार के रूप में सक्रिय थे। ताज महल पैलेस होटल में काम करते हुए उन्होंने क्रिकेट और फुटबॉल मैचों की तस्वीरें खींची और इन्हें बेचकर अपनी आजीविका अर्जित की। इसके बाद उन्होंने भारतीय मुक्केबाजी संघ के लिए फोटोग्राफी का कार्य किया। थिएटर में भी उनकी भागीदारी थी, जहां उन्होंने कई नाटकों में अभिनय किया।

सिनेमा में कदम

2000 के दशक की शुरुआत में बोमन ईरानी ने सिनेमा में कदम रखा और जल्दी ही दर्शकों के बीच अपनी पहचान बना ली। 2003 में आई फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में उनकी भूमिका ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई। डॉ. जेसी अस्थाना के किरदार में बोमन ने जो प्रभाव छोड़ा, वह अविस्मरणीय है। इस फिल्म के बाद वे लगे रहो मुन्ना भाई (2006), 3 इडियट्स (2009), दिलवाले (2015), संजू (2018), उंचाई (2022) और डंकी (2023) जैसी सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा बने।

ईरानी की अभिनय में विविधता उन्हें भारतीय सिनेमा में एक विशिष्ट स्थान देती है। चाहे वह हास्य भूमिका हो या नकारात्मक किरदार, बोमन ने हर तरह के रोल को अपनी अदाकारी से जीवित किया है। उनका व्यक्तित्व इतना आकर्षक है कि दर्शक उनके हर रोल में एक नई ताजगी महसूस करते हैं।

व्यक्तिगत जीवन और उपक्रम

बोमन ईरानी न केवल अभिनेता बल्कि एक निर्माता और फिल्म निर्माता भी हैं। 2019 में उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस, ईरानी मूवीटोन शुरू किया, जिसके तहत उन्होंने कई विज्ञापन और फिल्म निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया। इस प्रोडक्शन हाउस के तहत उनकी पहली फीचर फिल्म द मेहता बॉयज़ जल्द ही अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ होने वाली है। इसके अलावा, बोमन ने स्पाइरल बाउंड नामक मास्टरक्लास भी शुरू किया, जिसका उद्देश्य शौकिया और पेशेवर पटकथा लेखकों को एक मंच प्रदान करना हैं।

पुरस्कार और सम्मान

1. फिल्मफेयर अवार्ड

बोमन ईरानी को 2004 में फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया था, जब उन्होंने फिल्म मुन्ना भाई MBBS में डॉ. आशरफ अली का किरदार निभाया था। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला।

2. आईफा अवार्ड

बोमन ईरानी को 2004 में ही मुन्ना भाई MBBS के लिए आईफा अवार्ड भी मिला।

3. राजीव गांधी पुरस्कार

बोमन को उनके योगदान के लिए राजीव गांधी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

4. ज़ी सिने अवार्ड

उन्हें जिंदगी मिलेगी ना दोबारा जैसी फिल्मों में उनके योगदान के लिए ज़ी सिने अवार्ड से भी नवाजा गया।

5. राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (विशेष उल्लेख)

बोमन ईरानी को फिल्म साधी चाल में उनके अभिनय के लिए विशेष उल्लेख प्राप्त हुआ था।

समाज में योगदान

बोमन ईरानी का सामाजिक योगदान भी उल्लेखनीय है। वह विभिन्न सामाजिक कारणों के लिए काम करते हैं और भारतीय फिल्म उद्योग के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से ना केवल मनोरंजन किया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी कई प्रयास किए हैं।

बोमन ईरानी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली और सम्मानित अभिनेताओं में शामिल कर दिया। उनकी सफलता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना कर रहा हो। बोमन ईरानी न केवल एक अभिनेता, बल्कि एक सशक्त व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपने संघर्ष और सफलता के जरिए साबित किया कि असंभव कुछ भी नहीं हैं।

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