अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव फिर से बढ़ गया है। पिछले 15 दिनों में चीन से अमेरिका जाने वाले शिपमेंट्स में 50% की गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका का आरोप है कि चीन ने Rare Earth जैसे महत्वपूर्ण उत्पादों का निर्यात रोक दिया है। दोनों देशों के बीच अप्रैल में हुई टैरिफ डील भी टूटने के कगार पर है। चीन ने अमेरिका पर नए व्यापार विवाद भड़काने का आरोप लगाया है।
अमेरिका-चीन व्यापार में गिरावट
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार तनाव एक बार फिर गहराता जा रहा है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, चीन से अमेरिका को सामान ले जाने वाले जहाजों की संख्या में पिछले 15 दिनों में 50% की गिरावट आई है। यह संख्या फरवरी के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिका-चीन व्यापार विवाद के कारण आई है, जिसका असर दोनों देशों के आर्थिक संबंधों पर स्पष्ट दिख रहा है।
टैरिफ डील पर संकट
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आरोप लगाया है कि चीन ने अप्रैल में दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते का उल्लंघन किया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए टैरिफ में 90 दिनों के लिए कमी की थी। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि चीन के साथ यह समझौता जल्दबाजी में किया गया था और अब चीन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि वर्तमान में दोनों पक्षों के बीच वार्ता लगभग रुक गई है, और समाधान के लिए ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सीधी बातचीत जरूरी हो सकती है।
Rare Earth सप्लाई पर असर
अमेरिका के वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा है कि चीन ने Rare Earth और उनसे संबंधित उत्पादों का निर्यात रोक दिया है। Rare Earth का उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, एफ-35 फाइटर जेट्स और मिसाइल सिस्टम जैसे उन्नत उत्पादों के निर्माण में होता है। चीन के इस फैसले का असर अमेरिकी टेक्नोलॉजी और रक्षा सेक्टर पर भी पड़ सकता है।
दूसरी ओर, चीन का कहना है कि उसने व्यापार समझौते का पूरी तरह पालन किया है, जबकि अमेरिका एकतरफा फैसलों के जरिए विवाद को बढ़ा रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि अगर अमेरिका चीन के हितों को नुकसान पहुंचाता रहा, तो चीन अपने वैध अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
व्यापार के अलावा भी बढ़ती प्रतिस्पर्धा
अमेरिका और चीन के बीच तनाव केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। अमेरिका ने हाल ही में चीन की कंपनियों के लिए टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट पर नए प्रतिबंध लगाए हैं और साथ ही चीनी छात्रों की संख्या भी सीमित करने के लिए कदम उठाए हैं। दूसरी ओर, चीन की विनिर्माण गतिविधि में भी मई के महीने में लगातार दूसरी बार गिरावट दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का दायरा व्यापक होता जा रहा है।