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इंडिगो की चुप्पी से 2.65 लाख का नुकसान! टॉयलेट गए बिज़नेस कंसल्टेंट की मिस हुई फ्लाइट, नहीं मिली मदद

इंडिगो की चुप्पी से 2.65 लाख का नुकसान! टॉयलेट गए बिज़नेस कंसल्टेंट की मिस हुई फ्लाइट, नहीं मिली मदद

जयपुर एयरपोर्ट से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें मशहूर ब्रांडिंग कंसल्टेंट चयन गर्ग को सिर्फ इसलिए 2.65 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि वे बोर्डिंग से पहले टॉयलेट चले गए थे — और लौटने पर पाया कि फ्लाइट उड़ चुकी थी।

बिजनेस: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन मानी जाने वाली इंडिगो एक बार फिर अपनी कस्टमर सर्विस को लेकर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला एक ब्रांडिंग कंसल्टेंट चयन गर्ग का है, जिनकी फ्लाइट सिर्फ इसलिए छूट गई क्योंकि वह टॉयलेट चले गए थे — और लौटते ही उन्हें पता चला कि बोर्डिंग गेट बंद हो चुका है।

चयन गर्ग को जयपुर से मुंबई एक बेहद जरूरी बिज़नेस मीटिंग के लिए जाना था। वे सुबह 4:40 बजे एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे और 5:10 बजे तक उनका सिक्योरिटी चेक भी हो गया था। एयरपोर्ट की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उन्हें इंडिगो के एक स्टाफ ने बताया कि बोर्डिंग 10-15 मिनट में शुरू होगी। इसी दौरान चयन टॉयलेट चले गए। लेकिन जब वो 12 मिनट बाद वापस आए, तो बोर्डिंग गेट बंद हो चुका था और उनकी फ्लाइट उड़ान भर चुकी थी।

बोर्डिंग बंद, न कोई कॉल न अनाउंसमेंट

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ना तो बोर्डिंग क्लोज होने की कोई घोषणा की गई और ना ही चयन को कोई कॉल आया। जब उन्होंने इसका कारण पूछा, तो उन्हें बताया गया कि जयपुर एयरपोर्ट एक ‘साइलेंट एयरपोर्ट’ है। यानी यहां पर अनाउंसमेंट नहीं किए जाते। लेकिन चयन ने दावा किया कि उन्होंने उसी एयरपोर्ट पर देहरादून जाने वाली फ्लाइट के लिए अनाउंसमेंट सुनी थी। इसपर इंडिगो की चुप्पी और भी खटकने लगी। एयरलाइन स्टाफ न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सका, न रिफंड दिया और न ही कोई सहयोगात्मक रवैया दिखाया।

मुंबई की मीटिंग गई, बड़ा क्लाइंट हाथ से निकला

चयन का कहना है कि मुंबई की मीटिंग उनके लिए बेहद अहम थी। एक बड़ा क्लाइंट उन्हें पहली बार मिलने वाला था और इस मुलाकात पर उनका करीब 2.65 लाख रुपये का डील निर्भर था। फ्लाइट छूटने से वह मीटिंग अटेंड नहीं कर सके और क्लाइंट ने सौदा रद्द कर दिया। उन्होंने इस घटना को लेकर गहरा दुख जताया और एयरलाइन की लापरवाही को इसकी वजह बताया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक फ्लाइट मिस करने की बात नहीं है, यह प्रोफेशनल जवाबदेही और मानवता की कमी की मिसाल है।"

लिंक्डइन पर शेयर किया अनुभव, वायरल हुआ पोस्ट

चयन ने यह पूरी आपबीती लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए साझा की, जो तेजी से वायरल हो रही है। उन्होंने पोस्ट में लिखा: क्या यही है भारत की नंबर वन एयरलाइन की सेवा नीति? हम कस्टमर एक्सपीरियंस की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब एक असली ग्राहक को मदद की ज़रूरत होती है तो सिस्टम पूरी तरह गायब रहता है। न संवेदनशीलता, न समझदारी, सिर्फ प्रक्रिया और कठोरता।

लोगों ने इस पोस्ट पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। कई यूज़र्स ने चयन के प्रति सहानुभूति जताई, वहीं कुछ ने एयरलाइनों के साइलेंट एयरपोर्ट नीति पर सवाल उठाए।

‘साइलेंट एयरपोर्ट’ या सिस्टम की चूक?

जयपुर एयरपोर्ट को ‘साइलेंट एयरपोर्ट’ कहकर अनाउंसमेंट न करना भले ही नीति के अंतर्गत हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में यात्री को व्यक्तिगत रूप से सूचित करना एयरलाइन की जिम्मेदारी बनती है। एक वरिष्ठ एविएशन एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर यात्री सिक्योरिटी चेक के बाद गेट एरिया में है, तो एयरलाइन को उसे अंतिम समय तक बुलाना चाहिए, खासकर अगर वह पास में ही मौजूद हो। कॉल या मैसेज के जरिए संपर्क करना एक बेसिक कस्टमर केयर प्रैक्टिस है।

इंडिगो की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं

इस पूरे मामले पर अब तक इंडिगो की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। ना ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे चयन के पोस्ट पर कोई जवाब दिया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं केवल एक यात्री की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह भारत के एविएशन सेक्टर की एक बड़ी कमजोरी को उजागर करती हैं—जहां प्रक्रिया इंसानियत पर भारी पड़ जाती है।

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