SEBI ने Strata का SM REIT दर्जा रद्द कर निवेशकों को चेतावनी दी है। प्रमोटर्स पर कानूनी कार्रवाई और नियम उल्लंघन के चलते कंपनी ने रजिस्ट्रेशन सरेंडर किया है।
Real Estate Company Surrenders: SEBI भारतीय बाजार नियामक, SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उसने Strata नामक रियल एस्टेट कंपनी को लेकर निवेशकों को सावधान किया है। Strata को एक कॉमर्शियल रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है, जिसे सुदर्शन लोढ़ा और प्रियंका राठौर ने स्थापित किया था। कंपनी ने पहले Small and Medium REIT (SM REIT) के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया था, लेकिन अब उसने खुद ही यह रजिस्ट्रेशन SEBI को वापस कर दिया है।
यह फैसला कुछ कानूनी कार्रवाई और बातचीत के बाद लिया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि SEBI ने इस फैसले के बारे में क्या कहा और निवेशकों को क्या करना चाहिए।
Strata का SM REIT दर्जा रद्द क्यों हुआ?
Strata ने SM REIT के रूप में जनवरी 2025 में SEBI से मंजूरी प्राप्त की थी, और कंपनी की योजना थी कि वह वित्तीय वर्ष 2025-26 में छह स्कीम लॉन्च करेगी। लेकिन यह योजनाएं पूरी नहीं हो पाईं और अब Strata ने अपनी SM REIT की मंजूरी खुद ही सरेंडर कर दी है।
SEBI ने स्पष्ट किया कि अब Strata को SEBI-रेगुलेटेड संस्था नहीं माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब वह खुद को SM REIT के रूप में पेश नहीं कर सकती है। निवेशकों को SEBI ने चेतावनी दी है कि Strata का अब कोई कानूनी और रेगुलेटेड दर्जा नहीं है, और इसे उस रूप में निवेश के लिए नहीं माना जा सकता जैसा पहले था।
Strata के प्रमोटर्स पर कानूनी कार्रवाई
Strata के प्रमोटर्स पर कानूनी कार्रवाई भी चल रही है, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। SEBI ने कंपनी के प्रमोटर्स, स्वतंत्र निदेशकों, कंप्लायंस अफसर और ट्रस्टी से इस मामले पर विस्तृत चर्चा की। इसके बाद, Strata ने अपने SM REIT रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को SEBI को वापस कर दिया। इस प्रकार, निवेशकों को भविष्य में Strata से संबंधित किसी भी निवेश को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
Strata के पास ₹2,000 करोड़ AUM
Strata के पास कुल मिलाकर ₹2,000 करोड़ से ज्यादा की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) हैं। इसका मतलब है कि कंपनी ने अब तक इतने बड़े पैमाने पर संपत्तियों का प्रबंधन किया है। हालांकि, SM REIT के तहत निवेश की न्यूनतम सीमा ₹10 लाख थी, लेकिन अब SEBI के नए फैसले के बाद इस कंपनी के लिए निवेश का रास्ता बंद हो गया है।
SM REIT के नए नियम
SM REIT के नियम 2024 में लागू किए गए थे, जिनका उद्देश्य फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करना और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। SEBI के नए नियमों के तहत अब छोटे प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट्स को भी REIT में शामिल किया जा सकता है। पहले केवल बड़ी कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज ही इसमें आती थीं, और निवेश की न्यूनतम सीमा भी काफी अधिक थी।
अब के नियमों के मुताबिक, केवल ₹50 करोड़ या उससे अधिक की रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज को SM REIT में शामिल किया जा सकता है। यह बदलाव निवेशकों के लिए अधिक अवसर और सुरक्षा प्रदान करता है।
क्या निवेशकों को करना चाहिए?
अगर आप Strata या उसके जैसे किसी REIT में निवेश करने के बारे में सोच रहे थे, तो SEBI के इस फैसले के बाद आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
1. निवेश से पहले समझें नियम – नए SM REIT नियमों के तहत कई बदलाव किए गए हैं, जिससे छोटे प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट्स को भी इस श्रेणी में लाया जा सकता है। यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन समझदारी से निर्णय लेना जरूरी है।
2. SEBI की चेतावनियों का पालन करें – अगर SEBI किसी कंपनी को लेकर चेतावनी देता है, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए। Strata ने अपना रजिस्ट्रेशन वापस किया है, इसलिए आपको ऐसे निवेशों से बचना चाहिए।
3. बड़ी कंपनियों पर ध्यान दें – यदि आप REITs में निवेश करना चाहते हैं, तो कोशिश करें कि बड़ी और SEBI-रेगुलेटेड कंपनियों को प्राथमिकता दें। इससे आपका निवेश सुरक्षित रहेगा।