आयकर विभाग ने गुरुवार को स्वीडिश कॉलर आईडी प्लेटफॉर्म Truecaller के भारतीय दफ्तरों पर टैक्स चोरी के आरोप में एक सर्वे ऑपरेशन किया। इस दौरान गुरुग्राम और बेंगलुरु स्थित दफ्तरों से टैक्स चोरी से संबंधित डिजिटल सबूत और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए गए। विभाग का कहना है कि इस जांच का उद्देश्य कंपनी के ट्रांसफर प्राइसिंग (TP) और टैक्स चोरी से जुड़े मामले में साक्ष्य इकट्ठा करना था।
आयकर विभाग ने इस सर्वे को टैक्स अनुपालन की जांच के एक हिस्से के रूप में किया है, हालांकि विभाग ने इस मामले पर कोई विस्तृत जानकारी अभी तक नहीं दी है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि Truecaller आयकर विभाग के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रही है, और वह नियमित रूप से आंतरिक ऑडिट करती है, ताकि भारतीय और स्वीडिश दोनों देशों के कर कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
भारत में बढ़ते टैक्स सर्वे विदेशी कंपनियों के लिए एक चेतावनी
यह कार्रवाई भारत में बढ़ते हुए टैक्स सर्वे और विदेशी कंपनियों के वित्तीय लेन-देन पर कड़ी नजर रखने की एक कड़ी के रूप में देखी जा रही है। भारतीय सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले खोलने की प्रक्रिया को तेज किया है, जिनमें प्रमुख टेक कंपनियां भी शामिल हैं। Truecaller के मामले में, यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कंपनी भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं के लिए प्रमुख रूप से सक्रिय है और करोड़ों भारतीय यूजर्स का डेटा एकत्र करती है।
Truecaller और भारत में इसकी भूमिका
भारत में Truecaller के 40 करोड़ से ज्यादा सक्रिय यूजर्स हैं, और कंपनी की कॉलर आईडी, स्पैम कॉल ब्लॉकिंग, फ्लैश मैसेजिंग और अन्य सुविधाएं बहुत लोकप्रिय हैं। इसके अलावा, यह एप्लिकेशन भारतीय यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बन चुका है, जो कॉल्स से जुड़े कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
लेकिन अब आयकर विभाग की इस जांच के बाद, Truecaller को अपनी टैक्स नीतियों को लेकर और अधिक पारदर्शिता दिखानी पड़ सकती है। इसके साथ ही कंपनी को यह भी साबित करना होगा कि उसकी भारत में मौजूदगी पूरी तरह से कानूनी और कर अनुपालक है।
आगे क्या होगा
आयकर विभाग की जांच के बाद, Truecaller को अपनी टैक्स रिपोर्ट और वित्तीय दस्तावेज़ों को फिर से पेश करने की आवश्यकता हो सकती है। यह संभावना भी है कि विभाग कंपनी के लेन-देन, ट्रांसफर प्राइसिंग मॉडल और अंतर्राष्ट्रीय भुगतान संरचनाओं की गहरी जांच कर सकता है।
इस सर्वे के परिणामस्वरूप, Truecaller और अन्य विदेशी कंपनियों को भारतीय टैक्स नीतियों के पालन में और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता हो सकती है। भविष्य में ऐसी और कार्रवाइयां भारत में विदेशी कंपनियों के लिए एक संकेत हो सकती हैं कि उन्हें अपने स्थानीय ऑपरेशन्स और टैक्स दायित्वों के प्रति अधिक जिम्मेदार होना होगा।
यह कार्रवाई भारतीय टैक्स प्रशासन की पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी दर्शाती है, जहां अब विदेशी कंपनियों के टैक्स चुकाने के तरीकों की जांच की जा रही है। ऐसे मामलों में कंपनियों को अपनी वित्तीय नीतियों और कर भुगतान में पारदर्शिता बनाए रखनी जरूरी होगी, ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से बचा जा सके।