कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए मूडा (मैंगलोर विकास प्राधिकरण) मामले में मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। हाल ही में उनके खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत उन पर लगे आरोपों से संबंधित है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और विकास प्राधिकरण से जुड़े मामलों में अनियमितताएं की हैं।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मूडा घोटाले को लेकर उनके खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की है। इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतीन्द्रा ने सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की। यह शिकायत सिद्धारमैया के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही है, क्योंकि इससे पहले भी उन्हें कई आरोपों का सामना करना पड़ा है। अब देखना यह होगा कि ईडी की कार्रवाई का क्या परिणाम निकलता है और मुख्यमंत्री इस स्थिति का सामना कैसे करते हैं।
नई शिकायत में सीएम पर लगाए ये आरोप
प्रदीप कुमार नाम के व्यक्ति ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की है, जिसमें उन पर 14 साइट्स से संबंधित साक्ष्य नष्ट करने का आरोप लगाया गया है। इस शिकायत में मुख्यमंत्री के बेटे यतींद्र सिद्धरामैया का भी नाम शामिल है। शिकायत में दावा किया गया है कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के अधिकारियों की संलिप्तता से उन साइट्स को पुनः प्राप्त कर साक्ष्य को नष्ट किया गया है। प्रदीप कुमार ने जांच की मांग करते हुए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ के लिए मामला दर्ज करने की भी मांग की हैं।
यह शिकायत सिद्धारमैया के लिए एक और मुश्किलें पैदा कर सकती है, खासकर जब उनके खिलाफ पहले से ही कई आरोप लगे हुए हैं। यह मामला कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति को और भी जटिल बना सकता हैं।
27 सितंबर को सीएम के खिलाफ दर्ज की गई थी एफआईआर
मूडा के भूखंड आवंटन से जुड़े कथित घोटाले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने ईडी के सामने जांच से संबंधित सबूत और रिकॉर्ड प्रस्तुत किया। ईडी ने 30 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पत्नी पार्वती बी एम द्वारा 14 स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताएं की गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद, ईडी ने स्नेहमयी कृष्णा को बेंगलुरु में अपने क्षेत्रीय कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। उन्हें मनी लॉंड्रिंग के सिलसिले में सबूत देने और रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए बुलाया गया था।
कृष्णा की शिकायत के आधार पर, लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। उन्होंने ईडी में भी शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे यह मामला और भी जटिल होता जा रहा है। इस घटनाक्रम से मुख्यमंत्री की स्थिति और भी मुश्किल हो गई है, क्योंकि वे पहले से ही कई आरोपों का सामना कर रहे हैं।