सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में मुन्ना शुक्ला और एक अन्य व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जो ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य व्यक्तियों को इस मामले में बरी कर दिया।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में आज अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में मुन्ना शुक्ला और एक अन्य आरोपी को दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।
बृज बिहारी प्रसाद की हत्या 13 जून 1998 को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में हुई थी, जब वे इलाज के दौरान अस्पताल में थे। इस हत्या के बाद कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, जिनमें से कुछ आरोपियों को अब सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है, जबकि कुछ पर सजा कायम रखी गई हैं।
कोर्ट ने 22 अगस्त को भी सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की बेंच, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन शामिल थे, ने 1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और एक अन्य आरोपी को दोषी ठहराते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।
इससे पहले, पटना हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, विधायक मुन्ना शुक्ला समेत आठ लोगों को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो आज सुनाया गया।