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अब हवा में दौड़ेगी बस! नितिन गडकरी ने दिया 'एयर बस सिस्टम' का विजन, देहरादून को ट्रैफिक से मिलेगी राहत

अब हवा में दौड़ेगी बस! नितिन गडकरी ने दिया 'एयर बस सिस्टम' का विजन, देहरादून को ट्रैफिक से मिलेगी राहत

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ट्रैफिक की गंभीर समस्या के समाधान के लिए एक अनोखा और अभिनव प्रस्ताव पेश किया है। 

Dehradun Air Bus Project: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जल्द ही भारत के उन गिने-चुने शहरों में शामिल हो सकता है, जहां बसें अब जमीन पर नहीं, बल्कि हवा में दौड़ेंगी। यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की एक महत्वाकांक्षी और नवाचार से भरपूर सोच है। देहरादून की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए गडकरी ने 'एयर बस सिस्टम' का प्रस्ताव रखा है, जो आने वाले समय में शहरी यातायात की परिभाषा ही बदल सकता है।

क्या है एयर बस सिस्टम?

एयर बस सिस्टम पारंपरिक बस सेवा से बिल्कुल अलग अवधारणा है। यह एक ऐसा एरियल ट्रांजिट नेटवर्क होगा जिसमें बसें केबल या एरियल ट्रैक पर चलेंगी। इन बसों को विशेष ट्रैकों या पोल्स के सहारे हवा में ऊपर स्थापित किया जाएगा। यह तकनीक डबल-डेकर मोड में भी हो सकती है, जिससे ज्यादा यात्रियों को एक साथ सफर की सुविधा मिलेगी।

यह सिस्टम न केवल ट्रैफिक को डायवर्ट करेगा, बल्कि प्रदूषण और ईंधन की खपत को भी घटाएगा। इसमें चलने वाली बसें संभवतः इलेक्ट्रिक या हाइड्रोजन फ्यूल आधारित होंगी, जो पर्यावरण के अनुकूल होंगी।

देहरादून के लिए क्यों जरूरी है यह प्रणाली?

देहरादून भले ही एक शांत और हराभरा शहर माना जाता हो, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या और वाहनों की बढ़ती संख्या ने यहां की यातायात व्यवस्था को चरमरा दिया है। संकरी सड़कों, बेतरतीब पार्किंग और भीड़भाड़ ने शहरवासियों के लिए दिनचर्या को एक कठिन यात्रा में बदल दिया है।

  • शहर की सड़कों की भौगोलिक सीमाएं हैं, जिन्हें चौड़ा करना कठिन है।
  • हर साल वाहनों की संख्या में 10% से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हो रही है।
  • ट्रैफिक सिग्नल्स और फ्लाईओवर्स भी अब ट्रैफिक दबाव के आगे बेअसर हो रहे हैं।
  • ऐसे में एयर बस सिस्टम एक ऐसा उपाय है जो अतिरिक्त ज़मीन की मांग किए बिना भीड़ को नियंत्रित कर सकता है।

तकनीकी दृष्टिकोण से कैसी होगी व्यवस्था?

भले ही अब तक इस परियोजना की पूरी तकनीकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन संभवतः यह सिस्टम निम्नलिखित तरीके से काम कर सकता है:

  • ऊंचे खंभों पर बना एरियल ट्रैक, जिस पर बसें विशेष व्हील्स के जरिए चलेंगी।
  • ट्रैक का डिज़ाइन इस तरह होगा कि वो ट्रैफिक से ऊपर, पेड़ों से बचते हुए आसानी से रास्ता तय कर सके।
  • बसों में GPS, CCTV, और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम जैसी स्मार्ट तकनीकों का इस्तेमाल होगा।
  • संचालन पूरी तरह से AI आधारित कंट्रोल सेंटर से किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक को रीयल टाइम मॉनिटर किया जा सकेगा।

नितिन गडकरी की सोच – नया भारत, नया ट्रांसपोर्ट

नितिन गडकरी ने देहरादून में हवाई सर्वेक्षण और सड़क निरीक्षण के बाद यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब देश को पारंपरिक उपायों से आगे बढ़कर इनोवेशन की राह पकड़नी होगी। उनका मानना है कि एयर बस सिस्टम न केवल ट्रैफिक का समाधान देगा, बल्कि भारत को ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

उन्होंने उत्तराखंड सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है और यह वादा भी किया है कि जैसे ही प्रस्ताव केंद्र को मिलेगा, केंद्र सरकार इसे तुरंत मंजूरी देगी और सहयोग करेगी।

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