महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन उनके द्वारा मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने वाले बयान के बाद किया गया।
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन उनके द्वारा मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने वाले बयान के बाद किया गया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कार्यवाही के दौरान अबू आजमी के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन में पारित कर दिया गया।
बयान ने खड़ा किया राजनीतिक तूफान
अबू आजमी ने अपने बयान में औरंगजेब को "इंसाफ पसंद" शासक बताया था और कहा था कि उनके शासनकाल में भारत "सोने की चिड़िया" बना। उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगजेब के समय में हिंदू-मुस्लिम की लड़ाई नहीं थी, बल्कि यह केवल सत्ता संघर्ष का हिस्सा था। उनके इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक घमासान मच गया और भाजपा-शिवसेना सहित अन्य दलों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सरकार ने लिया सख्त रुख
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बयान की आलोचना करते हुए इसे "राज्य की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला" बताया और सख्त कार्रवाई की बात कही थी। सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, "अबू आजमी के बयान से राज्य की जनता आहत हुई है। महाराष्ट्र वीरों की भूमि रही है और ऐसे बयान हमारे इतिहास का अपमान हैं। इसलिए, उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाता हैं।"
अबू आजमी ने मांगी माफी
विवाद बढ़ता देख अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को "तोड़-मरोड़कर" प्रस्तुत किया गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैंने वही कहा जो इतिहासकारों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी अन्य महापुरुष का अपमान नहीं किया है। फिर भी यदि किसी की भावना आहत हुई हो, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।"
अबू आजमी का यह बयान और उसके बाद की राजनीतिक प्रतिक्रिया राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर भी सवाल खड़े किए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद थमता है या और गहराता हैं।