Aman Sahu Encounter: एनकाउंटर में ढेर हुआ कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस पर किया था हमला

Aman Sahu Encounter: एनकाउंटर में ढेर हुआ कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस पर किया था हमला
अंतिम अपडेट: 18 घंटा पहले

झारखंड पुलिस ने मंगलवार सुबह पलामू में एनकाउंटर में गैंगस्टर अमन साहू को मार गिराया। रांची लाते वक्त गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, उसने पुलिस का हथियार छीनकर फायरिंग की और भागने की कोशिश की।

Aman Sahu Encounter: झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। मंगलवार सुबह पलामू में यह घटना हुई जब रांची पुलिस की टीम उसे रायपुर से पूछताछ के लिए रिमांड पर ला रही थी। इसी दौरान पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, और अमन साहू ने मौके का फायदा उठाकर पुलिस का हथियार छीन लिया। पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करने पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया।

कौन था अमन साहू?

अमन साहू झारखंड के रांची जिले के ठाकुरगांव के मतबे गांव का रहने वाला था। वह पहले एक हार्डकोर नक्सली था, लेकिन 2013 के आसपास उसने खुद का एक अपराधी गिरोह बना लिया। उसके खिलाफ झारखंड में हत्या, रंगदारी, जबरन वसूली समेत 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे। सोशल मीडिया पर वह कई बार हथियार लहराते हुए फोटो और धमकी भरे पोस्ट डाल चुका था।

यूपी स्टाइल में हुआ एनकाउंटर

अमन साहू का एनकाउंटर उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे और अतीक अहमद के बेटे असद की तर्ज पर किया गया। यूपी में जैसे पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के बाद एनकाउंटर किया, उसी तरह झारखंड पुलिस ने अमन साहू को घेरकर ढेर कर दिया।

गौरतलब है कि विकास दुबे का एनकाउंटर भी तब हुआ था जब पुलिस उसे कानपुर ला रही थी और गाड़ी पलट गई थी। इसी तरह असद भी पुलिस से भागने के दौरान मारा गया था। झारखंड में भी पुलिस ने वही रणनीति अपनाई और अमन साहू का सफाया कर दिया।

अमन साहू गिरोह पर पुलिस की नजर

एनआईए की जांच में यह सामने आया था कि अमन साहू का गिरोह झारखंड में कई संगीन अपराधों में शामिल था। उसके गैंग ने झारखंड के बाहर अन्य नक्सली और अपराधी संगठनों से भी संबंध बनाए थे। पुलिस के अनुसार, अमन साहू पर एक डीएसपी पर हमले, ठेकेदारों से रंगदारी और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज थे।

मौके पर नहीं थे कोई सीनियर अधिकारी

अमन साहू के एनकाउंटर के दौरान कोई सीनियर पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। पुलिस के एक दरोगा ने उसे मार गिराया। बताया जाता है कि अमन साहू को झारखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम लेकर आ रही थी और उसी के हाथों वह मारा गया।

झारखंड पुलिस पहले ही साफ कर चुकी थी कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी ने एक दिन पहले ही विधानसभा में बयान दिया था कि उग्रवादियों और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस बयान के अगले ही दिन अमन साहू का एनकाउंटर पुलिस की बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।

गैंगस्टर के खात्मे के बाद क्या बोले पुलिस अधिकारी?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अमन साहू लंबे समय से झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। उसके गिरोह ने कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था, और वह लगातार पुलिस को चकमा देता आ रहा था। पुलिस ने इसे एक बड़ी सफलता बताया है और अब उसके गैंग के बाकी सदस्यों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।

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