Arvind Kejriwal: CBI मामले में Arvind Kejriwal को बड़ा झटका, कोर्ट ने बढ़ाई न्यायिक हिरासत, चौथे आरोपपत्र पर लिया संज्ञान

Arvind Kejriwal: CBI मामले में Arvind Kejriwal को बड़ा झटका, कोर्ट ने बढ़ाई न्यायिक हिरासत, चौथे आरोपपत्र पर लिया संज्ञान
Last Updated: 03 सितंबर 2024

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर झटका लगा है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 11 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है। इस मामले में केजरीवाल के वकील ने उनकी जमानत बढ़ाने का विरोध किया, जिसके बाद अदालत ने सीबीआई के चौथे आरोपपत्र का भी संज्ञान लिया।

New Delhi: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि आज मंगलवार को खत्म हो गई, जिसके बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 11 सितंबर तक बढ़ाने की मांग की। अदालत ने इस मांग को स्वीकार करते हुए उनकी हिरासत को बढ़ा दिया।

आरोप पत्र में शामिल इन नेताओं के नाम

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई के चौथे आरोपपत्र का भी संज्ञान लिया है। इस आरोपपत्र में अरविंद केजरीवाल, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर और सरथ रेड्डी के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने इन सभी आरोपितों को सुनवाई के लिए पेशी का समन जारी किया है।

 विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है, जो इस बात का संकेत है कि जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है। आरोपपत्र में उल्लिखित आरोपों को लेकर अब सभी आरोपितों को अदालत के समक्ष उपस्थित होना होगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कोर्ट की प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई क्या होगी।

केजरीवाल को 26 जून को हुई थी जेल

उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था, और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच, शराब नीति से जुड़े ईडी मामले (मनी लॉन्ड्रिंग केस) में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है।

 

ईडी ने दिल्ली सीएम को इसी साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। यह घटनाक्रम केजरीवाल के लिए एक जटिल कानूनी स्थिति उत्पन्न करता है, क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहते हुए दो विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में हैं।

मामले में नायर को मिली जमानत

दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व संचार प्रमुख विजय नायर को लगभग 23 महीनों तक जेल में रहने के बाद 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि "स्वतंत्रता पवित्र है" और कड़े कानूनों वाले मामलों में भी इसे मान्य होना चाहिए।

यह निर्णय नायर के लिए राहत भरा था, खासकर ऐसे मामले में जिसमें लंबे समय तक हिरासत में रहना पड़ा। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि कानूनी प्रक्रिया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण है, चाहे आरोप कितने भी गंभीर क्यों हों।

'BJP आप नेताओं के खिलाफ रच रही है षड्यंत्र'- AAP 

आम आदमी पार्टी (AAP) ने विजय नायर को मिली जमानत को सत्य की विजय बताया है। पार्टी ने जोर देकर कहा है कि भाजपा की साजिश धीरे-धीरे धराशायी हो रही है। आप के नेताओं का कहना है कि भाजपा और उसकी केंद्र सरकार ने उनके नेताओं के खिलाफ साजिश रचकर उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की, जिससे उन्हें जेल में डालना पड़ा।

आप ने यह भी कहा कि अब साजिशों का पर्दाफाश हो रहा है, जैसा कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देकर प्रदर्शित किया और अब विजय नायर को भी जमानत मिली है। पार्टी के नेताओं का विश्वास है कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अरविंद केजरीवाल भी जल्द ही जेल से बाहर आएंगे।

 

 

 

 

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