एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल शूटर शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने खुलासा किया है कि वह और दूसरा शूटर धर्मराज एक ही गांव से हैं और मुंबई में कबाड़ के कारोबार से जुड़े हुए थे। दोनों की दुकानें एक-दूसरे के पास थीं, जो एक महत्वपूर्ण तथ्य हैं।
नई दिल्ली: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल शूटर शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने खुलासा किया है कि वह और दूसरा शूटर धर्मराज एक ही गांव से हैं और मुंबई में कबाड़ के कारोबार से जुड़े हुए थे। दोनों की दुकानें एक-दूसरे के पास थीं, जो एक महत्वपूर्ण तथ्य है। इसके अलावा, शिव कुमार गौतम ने बताया कि शुभम लोनकर, जो कि उसी इलाके में कबाड़ का कारोबार करता था, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्नैपचैट के जरिए लारेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से संपर्क कराया था।
इस खुलासे से यह संकेत मिलता है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में एक संगठित गिरोह और आपराधिक नेटवर्क शामिल था। लारेंस बिश्नोई और उसके साथियों का नाम कई आपराधिक गतिविधियों में सामने आ चुका है और इस मामले में भी उनका नाम जुड़ने से यह मामला और जटिल हो गया हैं।
आरोपी शिवा ने बताया कि...
शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कई अहम और चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं, जो बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश को उजागर करती हैं। उसने बताया कि वह और दूसरा शूटर धर्मराज एक ही गांव से हैं और दोनों मुंबई में कबाड़ के कारोबार से जुड़े हुए थे। उनकी दुकानें भी एक-दूसरे के पास थीं। इसी बीच, शुभम लोनकर ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्नैपचैट के जरिए लारेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से संपर्क कराया।
शिवा ने बताया कि हत्या की साजिश के लिए उन्हें दस लाख रुपये देने का वादा किया गया था, और यह भी कहा गया था कि हत्या के बाद हर महीने कुछ न कुछ राशि मिलती रहेगी। पुलिस अपराध शाखा के सूत्रों ने यह जानकारी दी कि अनमोल बिश्नोई ने शिवा से कहा था कि वह जो भी कर रहा है, वह "भगवान और समाज" के लिए कर रहा है। यह बयान यह दर्शाता है कि अनमोल बिश्नोई ने हत्या को एक तरह का "सामाजिक कार्य" मानते हुए इसे प्रेरित किया था।
इसके अलावा, शिवा ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए शुभम और यासीन ने उसे हथियार, मोबाइल फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। हत्या के बाद, आरोपी को अपनी बातों को छिपाने के लिए अलग मोबाइल फोन और सिम कार्ड दिए गए थे, ताकि पुलिस को उनकी बातचीत ट्रैक करने में मुश्किल हो।
हत्या करने के बाद कहां-कहां गया मोस्टवॉन्टेड शिवा?
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने सटीक योजना के तहत अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की और भागने में सफल रहा। हत्या के तुरंत बाद उसने अपनी शर्ट बदल ली और फिर सेड़ को भीड़ में गायब होने की कोशिश की ताकि उसे पहचाना न जा सके। इसके बाद वह घटनास्थल से कुर्ला तक ऑटो से गया और वहां से लोकल ट्रेन के जरिए ठाणे चला गया। ठाणे से वह पुणे के लिए ट्रेन में सवार हुआ, जहां उसने अपने मोबाइल फोन को फेंक दिया, ताकि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक न कर सके।
शिवा करीब सात दिन तक पुणे में छिपा रहा और फिर वहां से ट्रेन के जरिए उत्तर प्रदेश के झांसी चला गया। झांसी से वह लखनऊ पहुंचा, जहां उसने नया मोबाइल फोन खरीदा और अपने अन्य साथियों से संपर्क करने की कोशिश की।
वैष्णो देवी जाने की फिराक में था शिवा
इस दौरान शिवा ने यह भी खुलासा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उसकी योजना पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन जाने की थी और फिर देश से भागने से पहले जम्मू में वैष्णो देवी के दर्शन करने की थी। उसकी योजना नेपाल भागने की भी थी, और इसके लिए कुछ लोग उसकी मदद करने वाले थे।
शिवा की नेपाल में भागने की योजना को सफल बनाने में सहायता करने के आरोप में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेशेन्द्र प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। ये गिरफ्तारियां मामले की गहराई और साजिश को उजागर करती हैं, जो एक संगठित अपराध की ओर इशारा करती हैं। पुलिस की जांच अब इन सभी आरोपियों और उनके नेटवर्क के खिलाफ विस्तृत हो गई हैं।