इंडियन बैंक के सामने स्थित एक बरामदे में ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अरुण सिंह, जिला विकास अधिकारी राजकुमार, और उपायुक्त एनआरएलएम दीपक सिंह ने स्थिति की निगरानी की। जब उनसे इस विषय में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि सब कुछ पूरी तरह सामान्य है। हालाँकि, चारों ओर का सन्नाटा एक अनकहे कर्फ्यू की स्थिति को दर्शा रहा था।
Bahraich: चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों के चेहरों पर पहले की तुलना में बुधवार को तनाव कम देखने को मिला। घटना स्थल यहां से लगभग 10 किलोमीटर दूर है। चार दिन बीत जाने के बाद भी विभिन्न स्थानों पर फोर्स की तैनाती और अधिकारियों के काफिले के आना-जाना जारी रहा।
चाट व्यापारी संदीप ने बताया कि दुकान खुली है, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं। लोगों के मन में अभी भी डर और दहशत बनी हुई है। लोग घर से बाहर निकलने से कतराते हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले दो-चार दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे। घटना स्थल महराजगंज है। चौथे दिन सभी दुकानें बंद हैं और बाजार पुलिस के साये में है। अधिकारियों की लगातार निगरानी बनी हुई है।
हालातों पर कड़ी नजर
अभिकरण के परियोजना निदेशक अरुण सिंह, जिला विकास अधिकारी राजकुमार और उपायुक्त एनआरएलएम दीपक सिंह हालात पर नजर रखे हुए थे। पूछने पर उन्होंने बताया कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। हालांकि चारों ओर फैला सन्नाटा अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति को दर्शा रहा था। यहां मुलाकात हुई मोबाइल शॉप के संचालक दीपक से, जिन्होंने बताया कि विसर्जन के दिन हर बार दुकानें बंद रहती हैं।
अगर दुकानें खुली रहतीं, तो काफी नुकसान हो जाता। महराजगंज में घर के बाहर बरामदे में बैठे किराना व्यवसायी केशव प्रसाद शुक्ल ने कहा कि उनकी दुकान तीन दिन से बंद है। सही हालात का इंतजार किया जा रहा है। उनके घर के पीछे आरोपित का घर है, जिसके बाहर सुरक्षा बल तैनात थे। उसके चारों ओर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस के जवान मुस्तैद थे।
एडीजी और कमिश्नर सक्रिय रहे
बुधवार की दोपहर को राजी चौराहे पर गोरखपुर जोन के एडीजी डा. केएस प्रताप और मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील का काफिला गुजरा, जो बाद में महसी तहसील में रुका। इस दौरान डीएम मोनिका रानी सहित अन्य अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। अधिकारियों ने बैठक आयोजित की और आपस में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इसके बाद डीएम वहां से निकल गईं।
इंटरनेट सेवाएं बंद
महराजगंज में हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा बंद हो जाने के कारण बिजली बिल जमा करने में कठिनाई आ रही है। इसके चलते लगभग तीन करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हो चुका है। अभी भी इंटरनेट सेवा बहाल होने की कोई निश्चितता नहीं है, जिससे सरकारी विभागों और व्यापारियों को लेन-देन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान पिछले रविवार को उथल-पुथल मच गई थी। इस बवाल के बाद अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए सोमवार दोपहर को इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया। इस निर्णय से ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई हैं।
अधीक्षण अभियंता सत्य प्रकाश ने बताया कि इंटरनेट की अनुपस्थिति के कारण बिजली के बिलों का जमा होना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में लगभग तीन करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित हुआ है।