बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में अब्दुल हमीद के घर के सामने से विसर्जन यात्रा गुजर रही थी। इस दौरान कुछ समुदाय विशेष ने पथराव शुरू कर दिया। जब इसका विरोध किया गया, तो फायरिंग की गई जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र को गोली लगी। उन्हें मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
Bahraich: बहराइच में प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा के कारण एक युवक की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। इस घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएँ भी शामिल हैं। एसपी वृंदा शुक्ला ने जानकारी दी कि हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। गोली चलाने वाले आरोपी अब्दुल हमीद को हिरासत में ले लिया गया है। लेकिन, यह सब कैसे शुरू हुआ और रविवार को क्या कुछ घटित हुआ, आइए जानते हैं...
विसर्जन के दौरान हुई हिंसा
बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में अब्दुल हमीद के घर के सामने से विसर्जन यात्रा गुजर रही थी। इसी दौरान एक विशेष समुदाय की ओर से पथराव किया गया। जब इसका विरोध किया गया, तो उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र को गोली लगी। उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई। इस घटना में राजन, सुधाकर, दिव्यांग सत्यवान और अखिलेश वाजपेयी सहित 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं शुरू
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। ग्रामीणों ने मेडिकल कॉलेज के सामने रामगोपाल का शव सड़क पर रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा, अस्पताल चौराहे पर श्रद्धालुओं ने विसर्जन यात्रा को रोककर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
शहर तक पहुंचा बवाल
सीतापुर-बहराइच हाईवे पर चहलारीघाट पर प्रतिमाओं के विसर्जन को रोक दिया गया। इसके चलते ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। फखरपुर क्षेत्र में भी बहराइच-लखनऊ हाईवे पर विसर्जन यात्रा को बाधित कर दिया गया। आक्रोश की यह लहर देर रात शहर तक फैल गई। रात लगभग 11 बजे शहर के स्टीलगंज तालाब के पास सड़क किनारे खड़ी एक बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद, अस्पताल चौराहे पर चार से पांच दुकानों को भी आग में जलाया गया।
पुलिस कार्रवाई के दौरान उठे सवाल
रात 12 बजे पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठियां चलाईं। इस घटना के कारण जिले में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। देर रात डीआईजी एपी सिंह बहराइच पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। त्योहारों को सफलतापूर्वक निपटाने के लिए जिला प्रशासन पहले से ही अपनी तैयारियों को गति देता है, लेकिन महसी के महाराजगंज कस्बे में पुलिस और प्रशासन की तैयारियां विफल साबित हुईं। पुलिस की सजगता पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के युवकों द्वारा किए गए पथराव और फायरिंग के बाद स्थिति और बिगड़ गई।