Bangladesh: RSS ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न पर जताई चिंता, UN से हस्तक्षेप की मांग

Bangladesh: RSS ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के उत्पीड़न पर जताई चिंता, UN से हस्तक्षेप की मांग
अंतिम अपडेट: 20 घंटा पहले

RSS ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ UN से दखल की अपील की, दुनिया से एकजुट होकर उत्पीड़ित समुदायों का समर्थन करने और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की मांग की।

RSS on Bangladesh Unrest: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ से दखल देने की अपील की है। RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश में पिछले एक साल से चल रहे दमन और हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव में दुनियाभर के देशों और हिंदू समुदाय से बांग्लादेश में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के साथ एकजुट होने का आग्रह किया गया है।

हिंसक गतिविधियों पर गंभीर चिंता

RSS ने बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा लगातार की जा रही सुनियोजित हिंसा और उत्पीड़न पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मठ-मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शिक्षण संस्थानों पर हमले, मूर्तियों का अनादर, हत्या, संपत्ति की लूट और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। ये घटनाएं मानवाधिकार हनन का गंभीर उदाहरण हैं और इनका धार्मिक आधार नकारना सचाई से मुंह मोड़ना होगा।

हिंदू आबादी का लगातार घटना

RSS ने यह भी रेखांकित किया कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी लगातार घट रही है, जो 1951 में 22 प्रतिशत थी, अब घटकर मात्र 7.95 प्रतिशत रह गई है। यह लगातार उत्पीड़न और हिंसा का परिणाम है। खासकर पिछले साल की हिंसा के बाद, जिस तरह से सरकार और संस्थान इन घटनाओं से चुप रहे, वह चिंता का विषय है।

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर असर

RSS ने बांग्लादेश से लगातार हो रही भारत-विरोधी बयानबाजी को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि यह दोनों देशों के रिश्तों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। वे यह मानते हैं कि कुछ अंतरराष्ट्रीय शक्तियां भारत के पड़ोसी क्षेत्रों में टकराव और अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।

भारत और बांग्लादेश में सांझी विरासत का महत्व

RSS ने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत और बांग्लादेश के बीच सांझी संस्कृति और इतिहास है, इसलिए दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार की उथल-पुथल का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच इस सांझी विरासत को मजबूती देने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।

बांग्लादेश के हिंदुओं का साहसपूर्ण विरोध

RSS ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साहसपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध की सराहना की, जिन्होंने इन अत्याचारों का शांतिपूर्ण तरीके से सामना किया। भारत और विश्वभर के हिंदू समुदायों ने भी बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में आवाज उठाई है और उनकी सुरक्षा की मांग की है।

भारत सरकार का समर्थन

भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और गरिमा के लिए अपने प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने यह मुद्दा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया है। RSS ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर संवाद बनाए रखे।

UN से बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने की अपील

RSS ने संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदाय से बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार का संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन हिंसक गतिविधियों को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, RSS ने दुनियाभर के नेताओं और संस्थाओं से बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के समर्थन में एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की।

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