भारत की डिफेंस में नया आयाम, 21,000 करोड़ की हथियार बिक्री, जानें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खरीदार

भारत की डिफेंस में नया आयाम, 21,000 करोड़ की हथियार बिक्री, जानें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खरीदार
Last Updated: 2 घंटा पहले

भारत का रक्षा निर्यात भारत अब तेजी से हथियारों के निर्यात में अग्रणी हो रहा है। पहले जहां भारत का ध्यान मुख्य रूप से आयात पर था, अब वह निर्यात को प्राथमिकता दे रहा है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, खासकर यह देखते हुए कि कुछ साल पहले तक भारत अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों से बड़े पैमाने पर हथियारों का आयात करता था। अब, भारत ने इन दोनों देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर नया मील का पत्थर हासिल किया है। यह न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक रक्षा उद्योग में उसकी बढ़ती ताकत को भी उजागर करता है।

नई दिल्ली: भारत के डिफेंस सेक्टर का जलवा अब विश्व स्तर पर स्थापित हो चुका है। देश ने 2023-24 में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक के हथियारों का निर्यात किया है, जो कि भारत के निर्यात में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। वास्तव में, कुछ साल पहले भारत अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों से बड़े पैमाने पर हथियारों का आयात करता था, लेकिन अब भारत ने इन देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करना शुरू कर दिया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

आर्मेनिया सबसे बड़ा खरीदार

दूसरी ओर, आर्मेनिया एक प्रमुख खरीदार के रूप में उभरा है। अजरबैजान के साथ संघर्ष के बाद, आर्मेनिया ने भारत से बड़े पैमाने पर हथियार खरीदने की प्रक्रिया को तेज किया है। आर्मेनिया ने आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट प्रणाली और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसी 'तैयार' हथियार प्रणालियों को भारत से खरीदा है।

इन हथियारों की सबसे अधिक मांग

भारत की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां लगभग 100 देशों को बड़े पैमाने पर हथियार, गोला-बारूद और फ्यूज का निर्यात कर रही हैं। इस निर्यात में शामिल हैं: - ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल - डोर्नियर-228 विमान - आर्टिलरी गन - रडार - आकाश मिसाइल - पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन ये हथियार वैश्विक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और विभिन्न देशों की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

शीर्ष तीन खरीदार

भारत के रक्षा निर्यात के प्रमुख खरीदार अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया हैं।

अमेरिका और फ्रांस के साथ भारत विमान और हेलीकॉप्टरों के हिस्सों की सोर्सिंग कर रहा है। हैदराबाद में टाटा बोइंग एयरोस्पेस, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए बॉडी और अन्य भाग बना रहा है, जबकि फ्रांस विभिन्न सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात कर रहा है।

आर्मेनिया ने पिछले चार वर्षों में कई महत्वपूर्ण रक्षा उत्पादों का आयात किया है, जिसमें मिसाइलें, आर्टिलरी गन, रॉकेट सिस्टम, हथियार-पता लगाने वाले रडार, बुलेट-प्रूफ वेस्ट और नाइट-विजन उपकरण शामिल हैं। नागोर्नो-करबाख विवाद के दौरान अजरबैजान के साथ टकराव के समय भी आर्मेनिया ने भारत के साथ कई रक्षा सौदे किए।

आकाश' का पहला ग्राहक बना अर्मेनिया

अर्मेनिया, स्वदेशी रूप से विकसित 'आकाश' एयर डिफेंस मिसाइल का पहला विदेशी ग्राहक बन गया है, जिसकी अवरोधन सीमा 25 किमी है। इसके साथ ही, ब्राजील ने भी इस मिसाइल के प्रति रुचि व्यक्त की है।

भारत ने इससे पहले जनवरी 2022 में फिलीपींस को तीन ब्रह्मोस एंटी-शिप तटीय मिसाइल बैटरियों के निर्यात के लिए 3100 करोड़ रुपये (375 मिलियन डॉलर) से अधिक का करार किया था।

अब, अन्य आसियान देशों के साथ-साथ कुछ खाड़ी देशों ने भी भारत द्वारा रूस के साथ सह-विकसित की गई सटीक-स्ट्राइक मिसाइलों को हासिल करने में रुचि दिखाई है।

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