पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी है। अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है और असम के 21 जिलों में 6.79 लाख लोग प्रभावित हैं। 1500 से ज्यादा गांव जलमग्न हो चुके हैं।
Floods Landslides: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मणिपुर जैसे राज्यों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
असम में सबसे ज़्यादा तबाही
असम राज्य में हालात सबसे गंभीर हैं। यहां अकेले अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 14 लोगों की मौत बाढ़ और 5 लोगों की मौत भूस्खलन की वजह से हुई है। मोरीगांव, श्रीभूमि और नगांव जैसे ज़िलों में पानी का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं।
कई राज्यों में भारी नुकसान
सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि अरुणाचल प्रदेश में 12, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 4, त्रिपुरा में 2 और मणिपुर व नागालैंड में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से इन इलाकों में बिजली, पानी और संचार जैसी ज़रूरी सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
लाखों लोग प्रभावित, हजारों बेघर
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, राज्य के 21 ज़िलों में करीब 6.79 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 1,494 गांवों में पानी घुस चुका है। श्रीभूमि ज़िले में सबसे ज़्यादा 2.59 लाख लोग प्रभावित हैं। राहत के लिए 190 सरकारी शिविर खोले गए हैं, जिनमें करीब 39,746 लोगों को अस्थायी आश्रय दिया गया है।
फसलों और आधारभूत ढांचे को नुकसान
बाढ़ की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। खेतों में पानी भर गया है और कई जगहों पर सड़कों और पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। कुछ गांवों का संपर्क भी टूट गया है, जिससे राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी कुछ दिनों तक पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है और राहत टीमों को अतिरिक्त संसाधनों के साथ तैनात किया गया है।
राहत और बचाव कार्य जारी
बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें जुटी हुई हैं। प्रभावित इलाकों में बोट्स, हेलिकॉप्टर और राहत सामग्री भेजी जा रही है। सरकार लोगों से अपील कर रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी निर्देशों का पालन करें।