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भारत-तालिबान संबंधों में नया अध्याय: ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ती नजदीकियां

भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में एक नया मोड़ आया है, जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 15 मई 2025 को तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से पहली बार सार्वजनिक रूप से बातचीत की। 

India-Taliban Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार, 15 मई को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की तरफ से दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज किए जाने का स्वागत किया। यह पहली बार था जब दोनों मंत्रियों के बीच सार्वजनिक रूप से इस तरह की संवाद हुआ। 

जयशंकर ने खास तौर पर मुत्तकी द्वारा हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की भरपूर सराहना की। इस बातचीत को दोनों देशों के बीच भरोसे और संवाद को बढ़ावा देने वाला कदम माना जा रहा है।

तालिबान की पहलगाम हमले की निंदा

इस बातचीत में जयशंकर ने मुत्तकी द्वारा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए आभार व्यक्त किया। यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। तालिबान की इस निंदा को भारत ने सकारात्मक संकेत के रूप में देखा है।

जयशंकर ने मुत्तकी द्वारा उन झूठी और निराधार रिपोर्टों को खारिज करने का स्वागत किया, जिनमें दावा किया गया था कि भारत ने तालिबान को पहलगाम में 'फॉल्स फ्लैग' ऑपरेशन के लिए 'भाड़े पर रखा' था। यह रिपोर्टें पाकिस्तान के कुछ मीडिया वर्गों द्वारा फैलाई गई थीं, जिन्हें तालिबान ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।

समावेशी सरकार और विकास सहयोग पर चर्चा

बातचीत के दौरान जयशंकर ने अफगान लोगों के साथ भारत की पारंपरिक मित्रता और उनकी विकास आवश्यकताओं के लिए निरंतर समर्थन को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों और उपायों पर चर्चा की। यह बातचीत भारत और तालिबान के बीच 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली सार्वजनिक राजनीतिक संपर्क है। 

इससे पहले जनवरी 2025 में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में मुत्तकी से मुलाकात की थी। अब यह उच्च-स्तरीय संपर्क दोनों देशों के बीच संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है।

पाकिस्तान की बौखलाहट

भारत और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियों से पाकिस्तान चिंतित है। पाकिस्तान ने लंबे समय तक तालिबान को समर्थन दिया है, लेकिन अब तालिबान का भारत के साथ संवाद पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि तालिबान की भारत के प्रति यह सकारात्मकता पाकिस्तान के लिए एक झटका है।

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