Bihar Jamin Jamabandi: जमाबंदी पर नीतीश सरकार का फैसला, जमीन मालिकों की सबसे बड़ी समस्या हल

Bihar Jamin Jamabandi: जमाबंदी पर नीतीश सरकार का फैसला, जमीन मालिकों की सबसे बड़ी समस्या हल
Last Updated: 15 घंटा पहले

बिहार में नीतीश सरकार ने जमीन मालिकों को राहत देते हुए लॉक जमाबंदी की जांच और उसे अनलॉक करने का अधिकार अंचलाधिकारियों को सौंपा, जिससे खरीद-बिक्री में आसानी होगी।

Bihar Jamin Jamabandi: बिहार में लॉक जमाबंदी के कारण रैयतों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए नीतीश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब अंचलाधिकारियों को लॉक जमाबंदी की जांच करने और उसे अनलॉक करने का अधिकार दे दिया गया है। राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में सभी समाहर्ताओं को पत्र जारी किया है, जिसमें अंचलाधिकारियों को लॉक जमाबंदी की जांच और संबंधित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।

सरकारी जमीन पर कार्रवाई का अधिकार

लॉक जमाबंदी की जांच में अगर सरकारी जमीन शामिल होती है, तो अंचलाधिकारी उसे रद्द करने का भी अधिकार प्राप्त करेंगे। यह कदम बिहार सरकार ने रैयतों की समस्याओं को देखते हुए उठाया है, ताकि जमीन की खरीद-बिक्री और अन्य गतिविधियों में आ रही रुकावटें दूर हो सकें।

21 लाख खेसरा रोक सूची में शामिल

डिजिटाइजेशन के बाद कई जमीनों को लॉक जमाबंदी में डाला गया, जिससे संबंधित खेसरा की जमीन पर कोई भी गतिविधि नहीं हो पा रही थी। इनमें करीब 21 लाख खेसरा रोक सूची में शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश मुजफ्फरपुर जिले में स्थित हैं। इन जमीनों की खरीद-बिक्री बंद हो जाने से रैयतों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

रैयतों की बढ़ती परेशानी और सरकार का कदम

मुजफ्फरपुर जिले में 1.10 लाख खेसरा ऐसे हैं, जिनकी जमीन की खरीद-बिक्री रोक दी गई थी। इस समस्या को देखते हुए डीसीएलआर (भूमि सुधार उप समाहर्ता) को लॉक जमाबंदी की जांच और उसे अनलॉक करने की शक्ति दी गई थी। इसके अलावा, चकबंदी निदेशक राकेश कुमार की ओर से यह पत्र जारी किया गया कि लॉक जमाबंदी की जांच के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन समीक्षा में यह पाया गया कि प्रक्रिया लंबित है और इसे सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।

सीओ को अनलॉक करने की शक्ति

डीसीएलआर स्तर पर यह बताया गया कि अंचल स्तर पर रैयती भूमि की जमाबंदी के साक्ष्य प्राप्त करना कठिन हो रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने पहले के पत्र को निरस्त कर दिया और अब सीओ को लॉक जमाबंदी की जांच और अनलॉक करने का अधिकार सौंपा गया है।

जमीन मालिक को मिलेगा सुनवाई का अवसर

लॉक जमाबंदी की जांच के दौरान यदि सरकारी जमीन शामिल पाई जाती है, तो संबंधित रैयत को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। अगर जांच में जमाबंदी गलत पाई जाती है, तो उसे रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, और यदि सही पाई जाती है तो उसे अनलॉक करने की कार्रवाई की जाएगी।

मुशहरी के अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ला ने बताया कि विभाग का आदेश प्राप्त हो चुका है और अंचल स्तर पर जांच की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी की जाएगी, जिससे रैयतों को राहत मिलेगी।

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