बिहार के किशनगंज जिले में गुरुवार को कनकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक सहायक नदी पर बना पुल धराशाई हो गया है। बता दें कि बिहार में दस दिनों के भीतर सिवान (Siwan Bridge Collapse) अररिया (Araria Bridge Collapse) और मोतिहारी (Motihari Bridge Collapse) के बाद किशनगंज (Kishanganj Bridge Collapse) का पुल चौथा पुल धराशाई हो गया है।
Kishanganj Bridge Collapse: बिहार में लगातार पुल गिरने और धराशाई होने का सिलसिला नहीं थम रहा है। ऐसे ही बिहार में एक और पुल गिरने का मामला सामने आया है। पिछले दस दिनों के भीतर बिहार में ये पुल गिरने की यह चौथी घटना है। इसी बीच किशनगंज से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां गुरुवार (27 जून) को बहादुरगंज प्रखंड के श्रवण ब्लॉक पर कनकई और महानंदा नदी को एक दूसरे से जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बना पुल धराशाई हो गया।
इस पुल का 2011 में हुआ था निर्माण
किशनगंज जिले के डीएम ने subkuz.com मीडिया टीम से बातचीत करते हुए बताया कि, जिले के बहादुरगंज ब्लॉक स्थित करीब 25 लाख रुपए की लागत से बने 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा एक पुल बनाया गया था। जो गुरुवार को वर्षा के चलते पुल पर पानी का दबाव बढ़ते ही इसके पिलर दो फीट तक धंस गए। बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 2011 में मडिया नामक छोटी सहायक नदी किया गया था। मडिया नदी कनकई को महानंदा नदी से जोड़ती है।
2 फ़ीट गहरा धंसा पुल
मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों नेपाल के तराई में हुई मुसलाधार बारिश के कारण मरिया धार का जलस्तर तेजी से बढ़ गया था। इसी दौरान पानी के तेज बहाव का दबाव पड़ने से पुल सह नहीं पाया और इसमें लगे सात पिलरों में से बीच के दो पिलर दो फीट तक पानी मे धंस गए हैं।
अधिकारीयों ने किया निरिक्षण
सूचना मिलने पर पहुंचे ग्रामीण कार्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों की टीम ने घटनास्थल का बखूबी से निरीक्षण किया। वहीं, विभाग के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने तत्काल पुल पर आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है।
NH-327 E से जोड़ता है पुल
बता दें कि कनकई नदी के मरिया धार पर गुआबाडी पंचायत के बांसबाडी श्रवण चौक स्थित बना यह पुल दिघलबैंक प्रखंड को बहादुरगंज होते हुए NH -327 E को एक दूसरे से जोड़ता है।
इस 15 साल पुराने पुल से जयनगर, किशनपुर, पदमपुर, कटहलबारी, चुराकूट्टी, सातमेरी बांसबारी, दुआदांगी कुढैली, बैरबन्ना सहित कई गांवों के लोग आवाजाही करते हैं।