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बिहार NDA में फिर तनाव! चिराग के पत्र ने बढ़ाई नीतीश कुमार की चिंता

बिहार NDA में फिर तनाव! चिराग के पत्र ने बढ़ाई नीतीश कुमार की चिंता

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस पत्र में चिराग ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिससे जनता दल (यूनाइटेड) यानि जदयू में खलबली मच गई है। 

पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे गए तीखे पत्र ने एनडीए (NDA) में हलचल तेज कर दी है। चिराग ने अपने पत्र में राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नीतीश सरकार की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की है। इस घटनाक्रम ने जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU को सतर्क कर दिया है, जो अब इस मुद्दे को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक ले जाने की तैयारी कर रही है।

चिराग के पत्र ने खड़े किए कई सवाल

चिराग पासवान ने अपने पत्र में बिहार में लगातार हो रहे अपराधों, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और पुलिस की निष्क्रियता जैसे मुद्दों को उजागर किया है। खास बात यह है कि उन्होंने यह पत्र केवल मुख्यमंत्री को भेजने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक भी कर दिया। जदयू नेताओं को यह बात खटक गई है, और वे इसे NDA के भीतर राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।

JDU का आरोप: विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं चिराग

जदयू नेताओं ने चिराग के पत्र को विपक्षी दलों की भाषा बताया है। उनका कहना है कि अगर चिराग वास्तव में गठबंधन धर्म निभा रहे होते, तो वे पहले मुख्यमंत्री से सीधे बातचीत करते, न कि मीडिया के जरिये सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाते। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, जिस मुद्दे पर चिराग पासवान ने पत्र लिखा है, उस पर राज्य सरकार पहले ही कार्यवाही कर चुकी है। फिर सार्वजनिक रूप से पत्र जारी करने का उद्देश्य क्या है?

भाजपा से उम्मीद: चिराग पर नियंत्रण की मांग

JDU अब इस मसले को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने उठाने की तैयारी में है। पार्टी को डर है कि चिराग पासवान की ऐसी बयानबाज़ी और चालबाजियां आगामी विधानसभा चुनावों में एनडीए को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह भी याद दिला दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जदयू के खिलाफ 143 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। 

उन्होंने खुले तौर पर नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने की मुहिम चलाई थी, जिससे JDU को भारी नुकसान हुआ था। भले ही चिराग की पार्टी को केवल एक सीट मिली, लेकिन उन्होंने जदयू के वोट बैंक में सेंध जरूर लगाई।

नीतीश के पास जिन विभागों पर हमला, वही चिराग का निशाना

इस बार भी चिराग ने जिन विभागों की आलोचना की है, वे खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास हैं खासकर गृह विभाग। ऐसे में यह हमला सीधे तौर पर नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा और नेतृत्व पर सवाल खड़ा करता है। जदयू मानती है कि यह केवल प्रशासनिक आलोचना नहीं, बल्कि राजनीतिक साजिश हो सकती है।जदयू को डर है कि अगर चिराग इसी तरह NDA के भीतर ही विरोध की आवाज़ उठाते रहे, तो इससे गठबंधन में आपसी विश्वास कमजोर होगा। ऐसे हालात में वोट ट्रांसफर में भी दिक्कतें आएंगी, जो बिहार जैसे राज्य में गठबंधन की सफलता के लिए बेहद जरूरी होता है।

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