Bihar News: पटना का यह प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल होगा प्राइवेट, हुआ चौकाने वाला खुलासा, जानें वजह

Bihar News: पटना का यह प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल होगा प्राइवेट, हुआ चौकाने वाला खुलासा, जानें वजह
Last Updated: 28 अक्टूबर 2024

बिहार के राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र रोग अस्पताल को निजी क्षेत्र में सौंपने की योजना बनाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग कुछ निजी अस्पतालों के साथ बातचीत कर रहा है। बेंगलुरू के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक और अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आए हैं। यहां डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की कमी के बावजूद, अस्पताल हर दिन 300 से अधिक मरीजों को नि:शुल्क सेवाएं प्रदान कर रहा है।

Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच के तहत, प्रदेश के एकमात्र राजेंद्र नगर अतिविशिष्ट नेत्र रोग अस्पताल को बड़े कारपोरेट हॉस्पिटल के मॉडल पर विकसित किया गया है, और अब स्वास्थ्य विभाग इसे निजी हाथों में सौंपने पर विचार कर रहा है। इसके लिए कुछ निजी अस्पतालों के साथ बातचीत चल रही है। रविवार को, बेंगलुरू स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक और अधिकारी एक बार फिर इस अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, प्रभारी निदेशक डॉ. अजीत कुमार द्विवेदी ने अवकाश के दिन आकर टीम को सभी छह माड्युलर ओटी और 106 बेड वाले अस्पताल का पूरा दौरा कराया। हालांकि, इस निरीक्षण में शामिल टीम या निदेशक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किस अस्पताल से हैं, लेकिन इस दौरान शंकर नेत्रालय प्रबंधन के बारे में चर्चा की जा रही थी।

चार वर्ष में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों की अनुपस्थिति का खुला राज

संस्थान में काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि 2020 में नए भवन का उद्घाटन हुआ था। कोरोना महामारी के दौरान जब आइसोलेशन के लिए बेड की कमी हो गई थी, तब यहां रोगियों को भर्ती किया गया। स्थापना के समय से ही यहां निदेशक के अतिरिक्त कोई स्थायी डॉक्टर या चिकित्साकर्मी नियुक्त नहीं किए गए हैं।

वर्तमान समय में, प्रभारी निदेशक के अलावा, अस्पताल केवल चार प्रतिनियुक्त डॉक्टरों और चार बांड डॉक्टरों के सहारे संचालित हो रहा है। इसके बावजूद, यहां हर दिन चार से पांच मोतियाबिंद सर्जरी के साथ कई महंगी जांचें मुफ्त की जा रही हैं। ओपीडी सेवा का लाभ प्रतिदिन औसतन 300 से अधिक मरीज उठा रहे हैं। कर्मचारियों का मानना है कि यदि बेड की संख्या के अनुसार चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति की जाए, तो यह संस्थान प्रदेश का एक बड़ा अस्पताल बन सकता है।

दिवाली पर सरकारी और निजी अस्पताल रहेंगे सतर्क

दिवाली पर्व के अवसर पर सिविल सर्जन ने सरकारी और निजी अस्पतालों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया है। सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार ने दिवाली के दौरान 24 घंटे कार्यरत रहने वाले नियंत्रण कक्ष की स्थापना करने का आदेश दिया है। पटाखों से जलने, सड़क दुर्घटनाओं और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए, राजधानीवासी नियंत्रण कक्ष में फोन कर एंबुलेंस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, यदि नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर या चिकित्सा कर्मी उपलब्ध नहीं हैं, तो भी सहायता के लिए फोन किया जा सकता है।

दीपावली के दौरान OPD सेवाएं बंद

सिविल सर्जन कार्यालय ने पर्व के दौरान ओपीडी सेवाओं के बंद रहने पर 24 घंटे इमरजेंसी सेवाओं में आने वाले सभी मरीजों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार, दीपावली के अवसर पर पटाखों के जलने से, वायु प्रदूषण के बढ़ने से अस्थमा के मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं।

इसके अलावा, मिठाइयों और अन्य व्यंजनों के सेवन के कारण पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं के मरीज भी इमरजेंसी में पहुंचते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए पीएमसीएच के प्लास्टिक सर्जरी विभाग को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। इसी तरह, दीपावली से पहले आइजीआइएमएस के नेत्र विभाग में भी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

सिविल सर्जन ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि वे जरूरी दवाइयां और अन्य उपकरण जिला भंडारगृह से मंगवाने का कार्य करें। आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता के लिए कई कर्मचारियों का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

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