Budget Session 2025: बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू, ईपीआईसी विवाद और वक्फ संशोधन विधेयक पर रहेगी खास नजर

Budget Session 2025: बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू, ईपीआईसी विवाद और वक्फ संशोधन विधेयक पर रहेगी खास नजर
अंतिम अपडेट: 4 घंटा पहले

संसद का बजट सत्र 2025 अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है, जो आज यानी 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार कई अहम विधेयक पेश करेगी, जबकि विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रहा हैं।

नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र 2025 अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है, जो 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार कई अहम विधेयक पेश करेगी, जबकि विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है। इस सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक, मणिपुर के लिए बजटीय अनुमोदन और ईपीआईसी (EPIC) विवाद प्रमुख रूप से चर्चा में रहेंगे।

सरकार की प्राथमिकताएं: बजट और विधेयक पास कराना

केंद्र सरकार के लिए इस सत्र में वित्तीय अनुदान मांगों को पारित कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। साथ ही, वक्फ संशोधन विधेयक को भी जल्द से जल्द पास कराने की योजना बनाई गई है। संसद की संयुक्त समिति पहले ही इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर चुकी है, लेकिन विपक्ष इसके कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहा हैं।

इसके अलावा, मणिपुर का बजट भी सोमवार को संसद में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है, क्योंकि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

ईपीआईसी विवाद पर विपक्ष का हंगामा संभव

विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में कथित हेरफेर और ईपीआईसी (EPIC) यानी मतदाता पहचान पत्र में कथित गड़बड़ियों को लेकर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) इस मुद्दे पर सबसे मुखर रही है और उसने चुनाव आयोग से भी इस पर जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने इस दावे को खारिज कर दिया कि मतदाता सूची में हेरफेर की गई है ताकि अन्य राज्यों के मतदाता पश्चिम बंगाल में वोट डाल सकें। 

हालांकि, आयोग ने माना कि कुछ मतदाताओं के EPIC नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन उनका जनसांख्यिकीय विवरण, निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र अलग-अलग होते हैं।

मणिपुर हिंसा और ट्रंप प्रशासन पर भी होगी चर्चा

विपक्ष इस सत्र में मणिपुर में जारी हिंसा और सुरक्षा स्थिति को लेकर भी सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेगा। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर पारस्परिक शुल्क लगाने की चेतावनी को लेकर भी संसद में चर्चा होने की संभावना है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण और बजट प्रस्तुति के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हुई थी। अब दूसरे चरण में अनुदान मांगों पर बहस और बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर दिया जाएगा।

क्या रहेगा खास?

वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार की कोशिशें और विपक्ष का विरोध
मणिपुर के लिए बजटीय अनुमोदन और वहां की स्थिति पर चर्चा
EPIC विवाद को लेकर विपक्ष का संभावित हंगामा
अमेरिकी व्यापार नीतियों पर भारत का रुख
संभावित नए विधेयकों की प्रस्तुति और विपक्ष की रणनीति

बजट सत्र का यह चरण कई अहम राजनीतिक और आर्थिक फैसलों का गवाह बनने जा रहा है। देखना होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच की यह राजनीतिक जंग संसद के भीतर क्या नया मोड़ लेती हैं।

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