पटना में शुक्रवार को बीपीएससी परीक्षा के एक अभ्यर्थी को पटना के डीएम द्वारा थप्पड़ मारे जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। इस घटना पर लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसे पूरी तरह से गलत ठहराते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चिराग ने कहा कि यह घटना अस्वीकार्य है और इसकी उचित जांच होनी चाहिए।
पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया चिराग पासवान ने
चिराग पासवान ने इस दौरान बिहार की पिछली सरकारों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में सबसे बड़ी रुकावट पहले की सरकारों की नीतियां थीं, लेकिन अब डबल इंजन की सरकार ने राज्य में विकास के नए रास्ते खोल दिए हैं। चिराग ने इस बात पर जोर दिया कि डबल इंजन की सरकार के चलते बिहार में विकास की गति तेज हुई है और राज्य में कई सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं।
राजद अध्यक्ष की टिप्पणी पर चिराग की प्रतिक्रिया
इसके साथ ही चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। चिराग ने कहा कि यह बयान महागठबंधन की उपचुनाव में हार की हार का परिणाम है। उनका मानना था कि लालू यादव की यह प्रतिक्रिया बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आने वाली हार के डर का संकेत देती है। चिराग ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जनता से जुड़ने के लिए उनके क्षेत्र में जा रहे हैं, और यह विपक्षियों के लिए असहज कर देने वाला है, क्योंकि अब उन्हें यकीन हो गया है कि एनडीए को सत्ता से हटाना बेहद मुश्किल होगा।
2025 के विधानसभा चुनाव पर चिराग का बयान
चिराग पासवान ने आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि उनकी पार्टी को अगले दस महीनों में राज्यभर में अपने गठबंधन को मजबूती से प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान वे राज्य के हर जिले और गांव में जाएंगे और जनता को बताएंगे कि किस गठबंधन सरकार ने उनके हितों के बारे में सोचा है।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर चिराग का दृष्टिकोण
चिराग ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उनका कहना था कि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने इस व्यवस्था की कल्पना की थी, लेकिन 60 के दशक में राज्य सरकारों और चुनावों में बदलाव के कारण यह व्यवस्था अब पूरी तरह से असंभव हो गई है। चिराग ने यह भी कहा कि चुनावों की बार-बार हो रही प्रक्रिया के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है, और सेना के जवानों को भी चुनाव के लिए इधर उधर जाना पड़ता है, जबकि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी सीमा की सुरक्षा है।
संगठित चुनावों की जरूरत
चिराग ने कहा कि देश में चुनावों की तिथि की निरंतरता बनानी चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव, फिर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र और अब दिल्ली के चुनाव हो चुके हैं, और अब बिहार में भी चुनाव होने हैं। यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा, जो आम जनता के लिए सही नहीं है।
चिराग पासवान ने इन मुद्दों पर विचार करते हुए यह संदेश दिया कि राज्य में विकास और जनता की भलाई के लिए सटीक और जिम्मेदार शासन की आवश्यकता है।